बाल कहानी : चालाक शेरू

बहुत समय पहले शेरू नामक बिल्ली का बच्चा रहता था। उसके माता-पिता कुत्ते द्वारा मारे जा चुके थे। छोटा होने के बावजूद वह बहादुर और बुद्धिमान था। उसने सोचा कि अभी मैं छोटा हूँ इसलिए मुझे कोई सहारा ढँूढ लेना चाहिए। वर्ना मैं भी किसी का शिकार बन जाऊँगा। यह सोचकर वह सहारे की खोज में निकला। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि उसे एक भेड़िया मिला। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। वह शेरू को देखकर बोला।

By Lotpot
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बाल कहानी (Hindi Kids Stories) : चालाक शेरू- बहुत समय पहले शेरू नामक बिल्ली का बच्चा रहता था। उसके माता-पिता कुत्ते द्वारा मारे जा चुके थे।

छोटा होने के बावजूद वह बहादुर और बुद्धिमान था। उसने सोचा कि अभी मैं छोटा हूँ इसलिए मुझे कोई सहारा ढँूढ लेना चाहिए। वर्ना मैं भी किसी का शिकार बन जाऊँगा। यह सोचकर वह सहारे की खोज में निकला। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि उसे एक भेड़िया मिला। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। वह शेरू को देखकर बोला।

परन्तु शेरू घबराया नहीं और उसने कहा। भेड़िए भाई, मैं आपको ही ढूँढ रहा था, मेरी शेरनी मौसी ने मुझसे कहा था कि मैं आपसे पूछ कर आऊँ कि मेमने को भून कर कैसे बनाया जाता है।

उसकी बात सुनकर भेड़िया थोड़ा प्रभावित हुआ, परन्तु उसने कहा। तुम अपनी मौसी से कहना कि जिस तरह बिल्ली का बच्चा भूना जाता है, उसी तरह मेमना भी भूना जाता है। यह सुनकर शेरू घबराया, लेकिन अपनी घबराहट पर काबू पाकर बोला। आपने ठीक कहा। भेड़िए भाई, मैं मौसी जी से ऐसा ही कह दूँगा। लेकिन मेरा नाम सुनकर शायद वे गुस्से में आ जाएं, और फिर वह आपको जिन्दा नहीं छोड़ेंगी। उसकी बात सुन भेड़िया घबरा गया और जंगल की तरफ भाग गया।

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शेरू फिर आगे बढ़ने लगा। अभी वह कुछ दूर ही गया था तो उसे अपने पीछे सरसराहट की आवाज सुनाई दी। उसनें पीछे मुड़कर देखा तो उसे अपने पीछे एक अजगर नजर आया। शेरू अजगर से बोला। अरे अजगर जी, मैं आपको ही ढँूढ रहा था, क्योंकि शेरनी मौसी ने आपसे पूछने को कहा है कि आप सभी जानवरों को बड़ी आसानी से कैसे निगल जाते है?

अजगर ने शेरू पर झपटते हुए कहा। अभी बताता हूँ कि मैं सबको कैसे निगल जाता हूँ? शेरू ने जब अजगर को अपने ऊपर झपटते देखा तो झाड़ियों की तरफ भागा और बोला। अरे अजगर भाई, मैं आपको एक बात बताना तो भूल ही गया कि मेरी शेरनी मौसी भी मेरे पीछे-पीछे ही आ रही थी। अजगर जंगल की ओर भाग गया।

शेरू भी जंगल में दूसरी तरफ भागने लगा, अचानक वह किसी से टकरा कर गिर पड़ा। वह उठा तो सामने शेरनी को देखकर घबरा गया।

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लेकिन अपनी घबराहट पर काबू पाकर वह बोला। शेरनी मौसी, मैं आपको ही ढूँढ रहा था। क्योंकि मेरी माँ भूरी शेरनी ने आपसे पूछ कर आने के लिए कहा कि आपके बच्चे क्या खाते हैं जो इतने मोटे हो गए हैं, क्योंकि मैं बहुत छोटा हूँ और माँ मुझे भी मोटा बनाना चाहती है।

बहुत देर तक शेरनी उसे सूंघती रही, उसे यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि शेरू बहुत छोटा है। उसके सभी-बच्चे बड़े होकर उसे छोड़ गए थे, इसलिए उसने सोचा कि मैं इसे पाल लेती हूँ। यह सोचकर उसने कहा। तुम सममुच बहुत छोटे हो, अगर तुम मेरे साथ रहो तो मैं तुम्हें भी बहुत जल्द ही मोटा बना दूँगी।

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फिर वह शेरनी के साथ उसकी गुफा में रहने लगा। शेरनी ने उसे माँस और हड्डियाँ खाने को दीं। धीरे-धीरे वह बड़ा होने लगा। जब वह पूरा बिल्ला बन गया तो शेरनी ने उससे कहा। अब तुम मेरे बच्चों के बराबर हो गए हो और थोड़े दिनों बाद और बड़े हो जाओगे।

जब वह बड़ा हो गया तो उसने चतुराई से शेरनी का अंत कर दिया।

इस तरह अपनी चालाकी एवं बुद्धिमानी से शेरू

पास सुख पूर्वक रहने लगा।

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