बाल कहानी : लालच का नतीजा कनक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था सभी साथी मिलजुल कर काम करते थे। और बड़े प्रेम से साथ-साथ रहते। इस झुंड के मुखिया का नाम था कनक। कनक बड़ा दयालु हाथी था। सब हाथी उसकी बड़ी इज्जत करते थे। जैसा कनक कहता वैसा ही सब करते। कनक हाथी का एक एकमात्र बेटा था हीरा। By Lotpot 24 Apr 2020 | Updated On 24 Apr 2020 13:22 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी (Hindi Kids Stories) :लालच का नतीजा- कनक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था सभी साथी मिलजुल कर काम करते थे। और बड़े प्रेम से साथ-साथ रहते। इस झुंड के मुखिया का नाम था कनक। कनक बड़ा दयालु हाथी था। सब हाथी उसकी बड़ी इज्जत करते थे। जैसा कनक कहता वैसा ही सब करते। कनक हाथी का एक एकमात्र बेटा था हीरा। झुंड में सबसे छोटा होने के कारण बड़ा नटखट व शैतान हो गया था। छोटा होने के कारण सभी हाथी उससे कोई मान न लेते। अब हीरा को भी मजे उड़ाने की आदत पड़ती जा रही थी। हीरा दिन भर इधर उधर घूमता था। एक दिन जंगल में वह काफी दूर निकल गया। उसे आगे जाते बहुत अच्छी महक आ रही थी हीरा को कुछ दूर गन्ने के खेत दिखाई दिए। हीरा का मन तो पहले ही उसकी महक से आकर्षित हो चुका था। उसने अपनी सूंड से एक गन्ना तोड़ा और और पढ़ें : बाल कहानी : आकाश महल खाया। हीरा को गन्ना बहुत अच्छा लगा। बस फिर तो दो चार, छह। हीरा ने भर पेट गन्ने खाए। हीरा अपने गन्ने खाने में इतना व्यस्त था कि उसे सूरज ढलने का भी पता न चला। अँधेरा होने पर उसे ध्यान आया कि उसे वन लौटना है। इधर हीरा के वन में न मिलने के कारण सब हाथी बेचैन थे। सब उसे दूर-दूर तक ढूँढने गए पर हीरा कहीं न था। हाथियों का मुखिया भी परेशान था। कि हीरा आज कहाँ गया। थोड़ी देर में हीरा झुंड के पास पहुँचा सभी हाथियों ने प्रश्नों की बौछार कर दी। हीरा तुम कहाँ गए थे, इतनी देर क्यों कर दी? वगैरा वगैरा। अंत में मुखिया कनक ने कहा, आप सब शांत हो जाइए। मुझे पूछने दीजिए। कनक ने हीरा की ओर मुड़ते हुए कड़क स्वर में पूछा, हीरा तुम इतनी देर तक कहाँ थे? हीरा ने सहमे स्वर में कहा, पिताजी क्षमा कीजिए। मुझसे से गलती हो गई। मैं जंगल में घूमने गया था कि मुझे एक और से उत्यन्त आकर्षित करने वाली महक आई और मैं उस और खिंचता चला गया। वहाँ जाकर मैंने अत्यन्त स्वादिष्ट वस्तु खाई। और पढ़ें : बाल कहानी : चमगादड़ को सबक कनक अनुभवी हाथी था वह बात समझ गया। वह समझ गया कि हीरा ने आज किसी का गन्ने का खेत उजाड़ा है। कुछ देर बाद उसने समझाने के स्वर में कहा, हीरा तुम्हें वहाँ नहीं जाना चाहिए हमें किसी दूसरे की अच्छी चीज पर ललचाना नहीं चाहिए अपितु स्वयं की वस्तुओं में सब्र करना चाहिए। अब आगे से तुम वहाँ न जाना। हीरा ने हामी भरी। हीरा गन्ने के स्वाद को भूल न पाया। वह सब हाथियों से चोरी छिपे खेत पर गन्ने खाने जाने लगा। मुखिया ने उसे कई बार समझाया कि देखों तुम गलत कर रहे हो कभी तुम्हें पछताना पड़ेगा। पर हीरा सबके सामने खेत पर न जाने का प्रण करता व अकेले में फिर ललचा कर खेत पर चला जाता। इधर किसान को खेत उजड़ता देख कर चिन्ता बढ़ती गई। उसने गन्ने चोर को पकड़ने की व सजा देने की ठान ली। उसने अगले दिन गन्ने की कुछ पंक्तियाँ छोड़कर आगे बड़ा खड्डा खुदवा दिया ताकि गन्ना चोर गन्ना खाते खाते उसमें आ गिरे। और पढ़ें : बाल कहानी :करीम बख्श के जूते हीरा अपनी आदत के अनुसार सुबह-सुबह खेत की ओर गया तथा मीठे मीठे गन्नों के स्वाद में खो कर धड़ाम से खड्डे में जा गिरा। अब किसान गाँव वालों साथ खेत पर आया सबके हाथ में बड़े-बड़े लट्ठ व रस्सियाँ थी। गाँव वालों ने हीरा को खूब पीटा व रस्सियों से उसे बाँध दिया व गाँव लौट गए। अब वन में जब हीरा न आया तो सब हाथी मुखिया के पास गए। व चिन्ता करने लगे। कनक ने कहा हीरा कहाँ है मुझे पता है चलो मेरे साथ सब हाथी उसके पीछे पीछे हो लिए। कनक सब को खेत पर ले आया। इधर हीरा खड्डे में गिरा। भूख व पिटाई के कारण अत्यन्त दर्द से कराह रहा था। उसने जब अपने पिता को देखा तो पुकार उठा, पिता जी मुझे बचाओ अब मै सदा बड़ों की बात मानूगाँ। कभी लालच न करूँगा। उसका गिड़गिड़ाना देख कर कनक का मन पसीज गया तथा सब हाथियों ने मिल कर उसे खड्ड से निकाला तथा उसे कनक वन में ले आए Like our Facebook Page : Lotpot #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article