मजेदार हिंदी कहानी: एक असाधारण अध्यापक
अधिकांश अध्यापक कक्षा में गम्भीर रहते हैं मगर कभी-कभी हमारा सामना किसी ऐसे अध्यापक से भी हो जाता है जो असाधारण रूप से चतुर होता है। नसीरुद्दीन एक एसे ही अध्यापक थे।
अधिकांश अध्यापक कक्षा में गम्भीर रहते हैं मगर कभी-कभी हमारा सामना किसी ऐसे अध्यापक से भी हो जाता है जो असाधारण रूप से चतुर होता है। नसीरुद्दीन एक एसे ही अध्यापक थे।
गांव की एक औरत अपने लड़के को प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाना चाहती थी। उसका खुद का बचपन भी बड़े कष्टों में बीता था। उसका पति एक मजदूर था जो रोज कमाता और रोज खाता था।
किसी शहर के एक मोहल्ले में एक बूढ़ी औरत बिलकुल अकेले रहती थी। मोहल्ले में सभी उन्हें ताई जी कहते थे। वे एक बेवा थीं और उनकी आवश्यकताएं न्यूनतम थीं।
महाराजा कृष्णा देव राय को एक बार एक अनोखा उपहार मिला। विदेश से आए एक सौदागर ने उन्हें कुछ सुन्दर बिल्लियां भेट में दीं। महाराज ने सौदागर को धन्यवाद कहा और राज्य की ओर से सौ स्वर्ण मुद्रिकायें उपहार स्वरूप भेंट कीं।
भारत के किसी प्रान्त में एक गांव था, उस गांव के आस पास 10 कि.मी तक कोई अस्पताल नहीं था। जब भी कोई बीमार पड़ता उसका एक मात्र सहारा गांव के हकीम ही थे।
नरेश के विवाह की सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकीं थीं। उसने एक नयी शेरवानी अनिवार्यता बनवाई थी। जब वह अपने कपड़ों को चैक कर रहा था तभी अक्समात उसे पता लगा कि एक वस्त्र तो वह भूल ही गया है।
गर्मी की एक शाम नसरू घर के बाहर पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे कुछ खटपट सुनाई दी। उसने मुड़ कर देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। एक चोर उसके मकान में घुस रहा था।