Jungle Story: दुख की आवश्यकता
‘‘हाय रे भगवान! मुझ पर इतना बड़ा क्रोध! तुमने मुझे कितना बड़ा धोखा दिया। सुबह-शाम तेरी माला जपती थी। कुछ गलत काम नहीं करती थी। गजराज हाथी दादा के पास जाकर उपदेश सुनती थी, फिर भी तुम ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया।’’
‘‘हाय रे भगवान! मुझ पर इतना बड़ा क्रोध! तुमने मुझे कितना बड़ा धोखा दिया। सुबह-शाम तेरी माला जपती थी। कुछ गलत काम नहीं करती थी। गजराज हाथी दादा के पास जाकर उपदेश सुनती थी, फिर भी तुम ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया।’’
आपको शेर और खरगोश की कहानी अच्छी तरह याद होगी कि ‘एक शेर था।’ वह जब बूढ़ा हो गया तो उसने एक-एक जानवर रोज़ बुलाकर खाना शुरू किया। फिर एक दिन जब खरगोश की बारी आयी तो वह भी गया।
शैतान शेर रोज़ाना जंगल के जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिए मारता था। जंगल के सभी जानवर डरे हुए और चिंतित थे। ऐसे तो जंगल में एक भी जानवर नहीं बचेगा। क्या किया जाए?
लोमी लोमड़ी भूख से व्याकुल थी और कुछ खाने की तलाश में जंगल में यहाँ वहाँ घूम रही थी। बहुत देर से उसे भूख बुरी तरह सता रही थी। लोमी ने चाहा कि कहीं से खाने की कोई चीज़ मिल जाए।
एक तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। उसी तालाब में दो हंस तैरने के लिए उतरते थे। हंस बहुत हंसमुख और मिलनसार थे। धीरे धीरे हंसों और कछुए में गहरी दोस्ती हो गयी। दोनों हंस बहुत ज्ञानी थे।
टॉमी कुत्ता शहर से पढ़ लिखकर आज वापस लौट रहा था, उसने जब शहर जाकर पढ़ने-लिखने का फैसला किया था उस समय जंगल वालों ने उसके फैसले का खूब मज़ाक उड़ाया था, उनका कहना था कि पढ़ लिखकर कुछ नहीं होना था।
एक जंगल में एक सियार और सियारिन रहते थे। सियार को जंगल के राजा शेर से बहुत जलन होती थी। वो खुद जंगल का राजा बनना चाहता था। लेकिन कैसे? ये पता नहीं था। आखिर उसने शेर के बच्चे से दोस्ती की।