Fun Story: कंजूस गिरधारी लाल

गिरधारी लाल, अमीर होने के बावजूद अपने मुहल्ले के सबसे कंजूस व्यक्ति थे। उनकी कंजूसी की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी। कंजूस तो वे इतने थे कि कंजूस की उपाधि भी उनके सामने फीकी पड़ती थी।

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कंजूस गिरधारी लाल

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Fun Story कंजूस गिरधारी लाल:- गिरधारी लाल, अमीर होने के बावजूद अपने मुहल्ले के सबसे कंजूस व्यक्ति थे। उनकी कंजूसी की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी। कंजूस तो वे इतने थे कि कंजूस की उपाधि भी उनके सामने फीकी पड़ती थी। अमीर होने के बावजूद वह एक छोटे से कमरे में किराया देकर रहते थे, क्योंकि उसका किराया उस पूरे मुहल्ले में सबसे कम था। उस कमरे में न तो बिजली की सुविधा थी और न ही पानी की। (Fun Stories | Stories)

एक-एक पैसे का वह पूरा हिसाब रखते थे। पूरे मुहल्ले में किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह गिरधारीलाल की जेब से पांच पैसे भी निकलवा दे। उसी मुहल्ले में दो दोस्त रहते थे। एक का नाम था सोहन और दूसरे का नाम था जयंत। एक दिन बातों-बातों में जयंत ने सोहन से कहा "यार सोहन, अगर तुम गिरधारीलाल से किसी तरह भरे बाजार में, सौ रूपये निकलवा कर दिखा दो तो मै तुम्हें दो सौ रूपये दूंगा।''

गिरधारी लाल से रूपये निकलवाना कोई हंसी खेल का काम नहीं था। पर सोहन बोला, "मुझे शर्त मंजूर है। देखना अगले इतवार को...

गिरधारी लाल से रूपये निकलवाना कोई हंसी खेल का काम नहीं था। पर सोहन बोला, "मुझे शर्त मंजूर है। देखना अगले इतवार को मैं बीच बाजार में सबके सामने उस कंजूस गिरधारी लाल से सौ रूपये निकाल कर न दिखा दूं तो मेरा नाम भी सोहन नहीं।” (Fun Stories | Stories)

गिरधारी लाल हर इतवार को सवेरे बाजार जाते। यह बात सबको पता थी सो अगले इतवार को सोहन भी बाजार में पहुंच गया। साथ में जयंत भी था, दोनों एक पान की दुकान के पास खड़े होकर गिरधारी का इंतजार करने लगे।

कुछ देर बाद गिरधारीलाल को आता देख जयंत बोला "लो बच्चु! आ गया तुम्हारा शिकार"। (Fun Stories | Stories)

"अच्छा अब तुम देखते जाओ मेरे दिमाग का खेल। देखना कैसे निकालता हूं गिरधारी लाल से रूपये।” सोहन ने चुटकी बजाते हुए कहा।

सोहन सीधे गिरधारी लाल के पास जा पहुंचा, प्रणाम गिरधारी लाल जी। आपसे एक जरूरी बात करनी है।”

“जो कहना है जल्दी कहो मेरे पास समय नहीं है”। गिरधारी लाल ने जल्दबाजी में कहा।

सोहन ने गिरधारी जी के कान में धीरे से कुछ कहा, “गिरधारी जी क्या आप सौ रूपये को दुगुना कर सकते हैं।” (Fun Stories | Stories)

"आंय..सौ रूपये को दुगना?” गिरधारीलाल चौंके। क्यों सवेरे-सवेरे मजाक करते हो। क्‍या मैं कोई जादूगर हूं जो रूपया दोगुना कर दूंगा।"

“पर मैं रूपया दोगुना करने की तरकीब जानता हूं और मिनटों में सौ रूपया दोगुना कर सकता हूं। गिरधारी जी अगर आप को विश्वास नहीं तो आजमा कर देख लीजिए। अगर मैं आपके सौ रूपये के नोट को दोगुना न कर सकूं तो मैं आपको 200 रूपये दूंगा, अभी इसी वक्‍त।"

रूपये के लालच में गिरधारी का मन डोल गया। कुछ देर सोचकर वह बोले “अच्छा तो कर के दिखा, सौ रूपये के नोट को दोगुना।"

“धैर्य रखिए गिरधारी जी इतनी जल्दी भी क्या है। रूपये तो मैं दोगुना कर दूंगा, और तरकीब भी आपको बता दूंगा, पर मेरी भी एक छोटी सी शर्त है। (Fun Stories | Stories)

"शर्त, कैसी शर्त?" गिरधारी लाल ने चौंककर पूछा।

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“शर्त यह है कि दोगुना करने के बाद, फीस के तौर पर मैं सौ रूपया लूंगा। सोहन ने शर्त रखी। शर्त सुनकर गिरधारी लाल सोच में पड़ गए कि क्या किया जाए। 

गिरधारीलाल जी ऐसा मौका बार-बार नहीं आता और फिर आपको नुकसान क्या है, अगर मैं रूपया दोगुना न कर पाया तो आपको 200 रूपये मिलेंगे और अगर दोगुना कर दिया तो आपको सिर्फ सौ रूपये का नुकसान होगा, पर रूपया दोगुना करने की तरकीब सीख लूंगा तो फिर अपने सभी रूपयों को दोगुना कर सकता हूं। उन्हें सौदा घाटे का न लगा। उन्होंने अपने कुर्ते की जेब से सौ रूपये का एक नोट निकाल कर, सोहन की ओर बढ़ाते हुए कहा "ठीक है, सौ रूपये दोगुना करने के बाद तुम इसे रख लेना, पर मुझे तरकीब सिखाना होगा और अगर तुम मेरे सामने रूपये दोगुना न कर सके तो मुझे 200 देना।'' (Fun Stories | Stories)

“गिरधारी जी, आप निश्चिंत रहिए, अगर मैं रूपये दोगुना न कर सका तो 200 रूपये आपको अभी के अभी दे दूंगा।” गिरधारी जी के हाथों से रूपये लेकर सोहन बोला।

इधर गिरधारी लाल और सोहन की बात सुनकर लोगों की अच्छी-खासी भीड़ उन दोनों के आसपास इकट्ठा हो गई। सब यह जानने को उत्सुक थे कि सोहन कैसे रूपये दोगुना करेगा।

सोहन ने सौ रूपये के नोट को हवा में उठाकर वहां उपस्थित भीड़ को दिखलाते हुए कहा, “यह सौ रूपये के नोट को मैं अभी दोगुना करता हूं।” फिर उसने अपनी जेब में हाथ डालकर, जेब से एक सौ रूपये का नोट निकालकर उसे, गिरधारी लाल के नोट के साथ मिलाकर बोला, "गिरधारी जी, यह देखिए हो गया न सौ रूपये का नोट दोगुना यानी दो सौ रूपया"। फिर सोहन ने दोनों नोट को अपनी जेब में डाल दिया।

रूपया दोगुना करने की तरकीब जानने के बाद कंजूस गिरधारी लाल के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं, और वहां जमा भीड़ का हंसते-हंसते बुरा हाल था। (Fun Stories | Stories)

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