मजेदार हिंदी कहानी: नसरू का तर्क गर्मी की एक शाम नसरू घर के बाहर पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे कुछ खटपट सुनाई दी। उसने मुड़ कर देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। एक चोर उसके मकान में घुस रहा था। By Lotpot 11 Jul 2024 in Stories Fun Stories New Update नसरू का तर्क Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 मजेदार हिंदी कहानी: नसरू का तर्क:- गर्मी की एक शाम नसरू घर के बाहर पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे कुछ खटपट सुनाई दी। उसने मुड़ कर देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। एक चोर उसके मकान में घुस रहा था। नसरू ने चुप रहना उचित समझा। चोर अन्दर गया और उसने घर का कुछ सामान उठाकर एक चादर में बांध लिया। फिर चुपचाप बाहर आ कर उसने वह गठरी अपने गधे पर लाद दी। चोर को विश्वास था कि किसी ने उसे नहीं देखा है। जब चोर थोड़ी दूर चला गया तब नसरू अपने घर गया और वहां से एक दरी उठा कर चोर का पीछा करने लगा। पीछा करते करते वह चोर के घर तक पहुँच गया। जब चोर सामान उतारने मे लगा हुआ था तभी नसरू चुपचाप चोर के घर में घुस गया और एक अंधेरे कोने मे दरी बिछा कर लेट गया। कुछ समय बाद गठरी लेकर चोर अन्दर घुसा और उसने सारा सामान फैला दिया तभी उसने देखा कि कोई... कुछ समय बाद गठरी लेकर चोर अन्दर घुसा और उसने सारा सामान फैला दिया तभी उसने देखा कि कोई उसके घर में घुसा हुआ है। वह डर गया और चिल्लाने लगा, “मेरे घर में चोर घुस आया है” चोर ने पूछा, “तुम मेरे घर में क्या कर रहे हो?” नसरू ने कहा, “यह तुम्हारा घर कैसे हो सकता है। नसरू बोला इस घर में सारा सामान मेरा है, कुछ पर तो मेरा नाम भी लिखा हुआ है। तुम खुद भी देख सकते हो अच्छा यह होगा कि तुम यहां से चले जाओ वरना मैं अभी पुलिस को बुला लूंगा”। चोर ने कहा, “अच्छा तो तुम वह व्यक्ति हो जिसके घर मैंने चोरी की है। तुमने मुझे अपने घर में देखकर भी रोका क्यों नही? नसरू ने कहा, “मैंने सोचा तुम एक नये घर मे मेरा सामान पहुँचा रहे हो”। यह मेरा घर है चोर ने कहा, नसरू ने डांटते हुऐ कहा, “यह फैली हुई सभी चीज़ें मेरी हैं अतः यह घर मेरा ही है। मैं तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुमने मेरे घर में मेरा सामान पहुँचा दिया। यह तुम्हारा मेरे ऊपर उपकार है। ध्यान रहे यदि तुम यह कहोगे कि यह तुम्हारा घर है तो यह सिद्ध हो जायगा कि तुमने मेरे सामान की चोरी की है, और पुलिस तुम्हे जेल में बंद कर देगी”। नसरू के तर्क के सामने चोर कुछ बोल नहीं पाया। वह समझ गया कि यदि नसरू उसे माफ नहीं करेगा तो वह बड़ी मुसीबत में पड़ जायेगा। उसने नसरू से दया की भीख मांगी। नसरू ने उसे माफ करने की स्वीकृति दे दी पर इस शर्त पर कि चोर उसका सारा सामान फिर उसी के घर पहुँचा कर वैसे ही रख देगा जैसे पहले रखा हुआ था। यह भी पढ़ें:- मजेदार हिंदी कहानी: वह मरूस्थल का जहाज नहीं हो सकती हिंदी मजेदार कहानी: जुगनू बाबू की पेंशन हिंदी नैतिक कहानी: मेहनत का फल Moral Story: सच्चा दान #बच्चों की कहानी #Kids Hindi Story #Hindi Bal Kahani #हिंदी बाल कहानी #Hindi fun stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #छोटी कहानी #मजेदार हिंदी कहानी #choti majedar hindi kahani #छोटी बाल कहानी #नसरू की कहानी #दादी नानी की कहानीयां You May Also like Read the Next Article