Jungle Story: मंटु ने चलाई नाव जम्बो हाथी का बेटा मंटु काफी बड़ा हो गया था। परन्तु वह कोई काम न करता। दिनभर सोता रहता, या फिर इधर-उधर मटर गश्ती करता। जम्बो ने उसे समझाने की खूब कोशिश की। परन्तु उस पर जम्बो की बातों का कोई असर नहीं पड़ता। By Lotpot 19 Apr 2024 in Stories Jungle Stories New Update मंटु ने चलाई नाव Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Jungle Story मंटु ने चलाई नाव:- जम्बो हाथी का बेटा मंटु काफी बड़ा हो गया था। परन्तु वह कोई काम न करता। दिनभर सोता रहता, या फिर इधर-उधर मटर गश्ती करता। जम्बो ने उसे समझाने की खूब कोशिश की। परन्तु उस पर जम्बो की बातों का कोई असर नहीं पड़ता। एक दिन मंटु को देर तक सोता देख जम्बो को गुस्सा आ गया। उसने मंटु को उठाते हुए कहा "अरे, तुम्हें हर समय सोये रहने के अलावा और कोई काम नहीं है क्या? रात और दिन सोते रहते हो। कितना बड़ा हो गया। पढ़ाई-लिखाई भी नहीं की, अब तो कोई काम ही कर ले"। जम्बों की डांट-फटकार का मंटु को बुरा तो बहुत लगा पर वह बोला कुछ नहीं। चुपचाप खड़ा होकर बाहर घूमने निकल गया। (Jungle Stories | Stories) मंटु दिनभर जंगल में घूमता रहा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। वह पापा की रोज-रोज की डांट-फटकार से तंग आ गया था। उसने नदी पर पहुंच कर पहले तो भरपूर पानी पिया, उसके बाद उसमें नहाने की सोची। नदी के उथले किनारे पर वह खूब उछल-कूद करके नहाया। अब मंटु खुद को काफी तरोताजा महसूस कर रहा था। नहाकर उसने अपने शरीर को सुखाया। फिर इधर-उधर घूमने के बाद वह नदी के किनारे-किनारे चलने लगा। नदी के पानी में उठती लहरें उसे बड़ी अच्छी लग रहीं थीं। मंटु नदी में कंकर फैकता तो "टप" की आवाज आती। इससे वह बड़ा खुश होता। नदी के किनारे चलते-चलते मंटु काफी दूर निकल गया था। दोपहर के बाद सूरज दूर जाकर धीमा प्रकाश फेंक रहा था। मंटु असमंजस में फंसा था। वह सोच रहा था कि वापस घर जाए कि नहीं जाए। तभी उसको नदी के किनारे के पास थोड़ी दूरी पर एक नाव पड़ी दिखाई दी। मंटु नाव के पास पहुंचा।उसने दूसरे लोगों को नाव चलाते देखा था। वह भी ऐसे ही नाव चलाना चाहता था, पर उसे कभी मौका ही नहीं मिला। आज तो नाव अकेली पड़ी थी। उसके पास कोई भी न था। मंटु नाव में ही रखे नाव चलाने वाले चप्पू से नाव को ठेलने लगा। (Jungle Stories | Stories) धीरे-धीरे नाव गहरे पानी के ऊपर तैरने लगी। पानी नाव को अपने बहाव में खींचता तो मंटु उसे चप्पू से... धीरे-धीरे नाव गहरे पानी के ऊपर तैरने लगी। पानी नाव को अपने बहाव में खींचता तो मंटु उसे चप्पू से मोड लेता। उसे नाव चलाने में मजा आ रहा था। शुरू में नाव पानी में डूब जाने का जो भय मंटु के मन पर छाया था वह भी दूर हो गया। अब तो वह बड़ी आसानी से नाव को पानी में घुमा रहा था। कभी इस किनारे लाता तो कभी उस किनारे तक ले जाता। मंटु को नदी में नाव चलाते समय काफी समय बीत गया था। अब तो बस शाम होने वाली थी। मंटु वैसे भी काफी थक गया था। वह सुस्ताने के लिए नदी के किनारे पर बैठ गया। तभी वहां एक हंस कहीं से आ गया। उसने मंटु को देखकर कहा, "ओ नाव वाले, मुझे नदी के दूसरे किनारे तक छोड़ दो"। मंटु को हंस की बात बुरी लगी। उसने कहा "क्यों छोड़ दूं? तुमने मुझे अपना नौकर समझ रखा है क्या?" "अरे भाई, नाराज क्यों होते हो? मैं तो तुम्हें इसके बदले पैसे दूंगा"। हंस ने कहा। (Jungle Stories | Stories) "मुझे तुम पैसे क्यों दोगे?" मंटु ने पूछा। "अरे तुम तो बहुत भोले हो। तुम्हे मैं नाव में बैठने का किराया दूंगा। भला तुम मुझे मुफ्त में छोड़ोगे तो तुम्हे नाव चलाने से क्या लाभ?" हंस ने कहा। मंटु ने थोड़ी देर सोच-विचार किया। मंटु को विचारों में खोया देख हंस ने कहा "अरे नाव वाले मुझे नदी के उस पार छोड़ना है तो बोलो, नहीं तो मैं पास में कहीं दूसरे नाव वाले के पास जाऊं। मैं तो नजदीक देखकर तुम्हारे पास आया था"। मंटु ने सोचा, चलो पैसे दे रहा है। हंस को दूसरे किनारे पर छोड़ देते हैं। उसने कहा "ठीक है नाव में बैठो"। हंस नाव में बैठ गया। मंटु ने उसे नदी के दूसरे किनारे पर छोड़ दिया। (Jungle Stories | Stories) "कितने पैसे दूं"। हंस ने पूछा। मंटु को तो पता नही था कितने पैसे ले। उसने ऐसे ही कह दिया, "तुम ही वाजिब पैसे दे दो"। हंस ने उसे दो सौ रूपये दे दिये। मंटु बड़ा खुश हुआ। वह जल्दी-जल्दी नाव को वापस इस पार के किनारे पर लाया। वहां नाव को नदी से बाहर निकाला और घर की तरफ चल दिया। वह अपने पापा जम्बो हाथी को अपनी कमाई के दो सौ रूपये देने को उतावला हो रहा था। घर पहुंच कर मंटु ने दो सौ रूपये जम्बो को थमाते हुए कहा "ये मेरी आज की कमाई है"। "अरे वाह दो सौ रूपये कहां से लाया? क्या काम किया तूने?" जम्बो ने पूछा तो मंटु ने कहा, "नदी में नाव चलाकर कमाये हैं"। मंटु बोला "पर नाव कहां से आई?" जम्बो ने पूछा तो मंटु ने कहा, "वहीं नदी के किनारे के पास पड़ी थी"। (Jungle Stories | Stories) "उसका मालिक नहीं था क्या वहाँ"। जम्बो ने पूछा। ''नहीं'' मंटु ने कहा। "तुम नाव चला लेते हो ठीक से?" जम्बो ने पूछा तो मंटु ने सहमति में सिर हिला दिया। "तब तो तुम ये काम आराम से कर लोगे। मैं तुम्हें कटफोड़वा कारीगर से एक नई नाव बनवा देता हूं"।जम्बो ने कहा। मंटु खुश हो गया। उसने कहा, "बनवा दो, मैं नाव चलाकर रोज पैसे कमा लूंगा"। जम्बो ने मंटु को एक नाव बनवाकर दे दी। वह उससे रोज जंगल के जानवरों को नदी पार करवाकर पैसा कमाता। अब जम्बो और मंटु दोनों खुश थे। (Jungle Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Best Hindi Bal kahani | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | kids short stories | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi jungle Stories | kids hindi stories | kids Jungle Stories | Hindi Jungle Stories | hindi stories | Kids Stories | Jungle Stories | Hindi Kids Stories | Hindi Jungle Story | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की जंगल कहानी यह भी पढ़ें:- Jungle Story: सोने की मूर्ति Jungle Story: कू कू कोयल Jungle Story: राजा की युक्ति Jungle Story: तीन तितलियां #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Hindi Jungle Story #Hindi Kids Stories #Hindi Bal Kahani #Hindi Jungle Stories #Jungle Stories #Kids Stories #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi jungle Stories #बच्चों की जंगल कहानी #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids short stories You May Also like Read the Next Article