Moral Stories : अंतिम चंदन का पेड़ और जीवन का अनमोल संदेश एक बार की बात है, कौशलपुरी राज्य के राजा राघवेंद्र सिंह शिकार खेलने के लिए जंगल में गए। लेकिन वहां रास्ता भटक गए और भूख-प्यास से व्याकुल होकर एक वनवासी की झोपड़ी तक जा पहुँचे। By Lotpot 26 Oct 2024 in Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Stories : अंतिम चंदन का पेड़ और जीवन का अनमोल संदेश- एक बार की बात है, कौशलपुरी राज्य के राजा राघवेंद्र सिंह शिकार खेलने के लिए जंगल में गए। लेकिन वहां रास्ता भटक गए और भूख-प्यास से व्याकुल होकर एक वनवासी की झोपड़ी तक जा पहुँचे। वनवासी ने राजा को अपनी झोपड़ी में शरण दी, जिससे उनकी जान बच गई। जाते समय राजा ने वनवासी से कहा, "तुम्हारी इस उदारता के लिए हम बहुत आभारी हैं। तुम्हें पुरस्कार में चंदनपुर के चंदन के बगीचे में भूमि दी जाती है। इससे तुम्हारा जीवन आराम से कट जाएगा।" (Hindi Moral Stories) वनवासी ने राजा का आदेश लेकर चंदनपुर के बगीचे का अधिकार प्राप्त किया, लेकिन वह चंदन के पेड़ों के असली मूल्य और उपयोगिता के बारे में नहीं जानता था। अज्ञानता के कारण उसने चंदन के कीमती पेड़ों को काटकर कोयला बनाना शुरू कर दिया और उसे बाजार में बेचने लगा। धीरे-धीरे पूरे बगीचे के चंदन के पेड़ समाप्त हो गए, सिर्फ एक अंतिम चंदन का पेड़ बचा था। एक दिन, बारिश के कारण वह चंदन का कोयला भी नहीं बेच सका, तो उसने सोचा, "इस पेड़ की लकड़ी को बेचता हूँ, शायद इससे कुछ पैसे मिल जाएं।" चंदन की लकड़ी का गट्ठर लेकर वह बाजार पहुँचा। वहाँ लोगों ने उसकी सुगंध से प्रभावित होकर उसे लकड़ी की भारी कीमत चुकाई। वनवासी को बहुत आश्चर्य हुआ और उसने एक व्यक्ति से पूछा, "भाई, यह लकड़ी इतनी कीमती क्यों है?" (Educational Moral Stories) व्यक्ति ने बताया, "तुम्हें नहीं पता? यह चंदन की लकड़ी है, जो बहुत बहुमूल्य और सुगंधित होती है। इससे तुम बहुत धन कमा सकते हो।" वनवासी यह सुनकर अचंभित रह गया और अपने मूर्खता पर पछताने लगा। उसने अफसोस भरे स्वर में कहा, "अरे! अगर मैं पहले जानता कि चंदन का इतना मूल्य है, तो मैंने उसे यूँ ही कोयले में बदलकर बर्बाद नहीं किया होता।" यह बात वहाँ खड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति ने सुन ली। उन्होंने वनवासी के पास जाकर कहा, "भाई, पछताओ मत। यह बात केवल तुम्हारे साथ नहीं है। हम सभी मनुष्य भी अपनी जिंदगी में अनमोल चंदन जैसे गुणों को क्रोध, ईर्ष्या, और लोभ की आग में जलाकर कोयला बना रहे हैं। जिस तरह तुमने चंदन को समझे बिना बर्बाद कर दिया, उसी तरह हम भी अपने जीवन को इन नकारात्मक भावनाओं में जलाकर नष्ट कर रहे हैं।" वनवासी ने बुजुर्ग की बात सुनकर गहरी साँस ली और कहा, "आप सही कह रहे हैं। मैं अब से इस अंतिम चंदन के पेड़ का उपयोग समझदारी से करूंगा और जीवन के इस संदेश को हमेशा याद रखूँगा।" (Best Hindi Moral Stories) यह बात सुनकर वहाँ खड़े सभी लोगों ने भी मन ही मन यह निश्चय किया कि वे भी अपने जीवन में क्रोध, ईर्ष्या, और लोभ को त्याग देंगे और अपने शेष जीवन को भलाई और सकारात्मकता में लगाएँगे। सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी जिंदगी के अनमोल गुणों और अवसरों को पहचानना चाहिए। जैसे चंदन को जलाकर कोयला बनाने की गलती वनवासी ने की, वैसे ही हमें क्रोध, ईर्ष्या, और लोभ जैसी भावनाओं को छोड़कर अपने जीवन को सुंदर और उपयोगी बनाना चाहिए। मजेदार बाल कहानी यहाँ और भी हैं :- Moral Stories : आँख की बाती: सच्चे उजाले की कहानीMoral Stories गौतम बुद्ध और नीरव का अनमोल उपहारMoral Stories : रोनक और उसका ड्रोनMoral Stories - शिक्षाप्रद कहानी : ईमानदारी का हकदार #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Bal Kahania #Bal Kahania Lotpot #Hindi Bal Kahani #Bal Kahani Lotpot #Best Hindi Bal kahani #Bal Kahani in Hindi #Lotpot Moral Stories #Moral Stories by Lotpot #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi moral stories for kids #kids moral stories in hindi You May Also like Read the Next Article