Moral Story: चिन्ता का कारण न जाने क्यों अचानक सम्राट की नींद उड़ गई। वे अपने शयनकक्ष से बाहर निकल आये। चारों ओर सन्नाटा था। अभी पहरेदार ने बारह घंटे बजाये थे। महल के एक ओर बैठक में दीपक जल रहा था। By Lotpot 02 Dec 2023 in Stories Moral Stories New Update चिन्ता का कारण Moral Story चिन्ता का कारण:- न जाने क्यों अचानक सम्राट की नींद उड़ गई। वे अपने शयनकक्ष से बाहर निकल आये। चारों ओर सन्नाटा था। अभी पहरेदार ने बारह घंटे बजाये थे। महल के एक ओर बैठक में दीपक जल रहा था। सम्राट ने जिज्ञासावश अपने कदम उस ओर बढ़ाये बहीखातों के ढेर के बीच में वजीरे खज़ाना (वित्त मंत्री) किसी गहरी चिन्ता में बैठे थे। सम्राट के पैरों की धीमी आहट सुनने तक की उसे सुध नहीं थी, मानो राज्य पर कोई बड़ी भारी मुसीबत आ पड़ी हो और वे उसे हल करने में डूबे हों। सम्राट कुछ देर तक तो यह दृश्य देखते रहे और फिर यह सोचकर उन्हें गर्व भी हुआ कि उनके राज्य के आला अफसर बड़े अधिकारी कर्मठ व ईमानदार हैं जो आधी रात तक भी अपने कर्तव्य को लगन व निष्ठा से निभा रहे हैं ‘क्यों, आप बड़ी चिन्ता में डूबे हुए हैं, क्या बात है? सम्राट ने वजीरे खज़ाना (वित्त मंत्री) से पूछा। वजीरे खज़ाना ने खड़े होकर सम्राट का स्वागत किया और फिर अपनी चिन्ता के कारण से सम्राट को अवगत कराते हुए कहा, गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगान की वसूली के आंकड़े कुछ अधिक थे। इसलिए सारे बहीखातों की मैंने जांच करने का निश्चय किया। इस वर्ष लगान अधिक आया है यह तो मुझे भी पता है, परन्तु ऐसा क्यों हुआ यह मैं नहीं जानता, सम्राट ने वजीरे खज़ाना की बात का समर्थन किया। (Moral Stories | Stories) इसी कारण को खोजने के लिए मैं इस समय काम कर रहा था, महाराज मगर सारे बहीखातों को उलटने पुलटने के बाद भी कहीं कोई खास परिवर्तन नजर नहीं आया। फिर साल भी कोई अच्छा नहीं था। (Moral Stories | Stories) तो हिसाब में भूल हुई होगी सम्राट ने कहा। हिसाब भी जांच लिया, महाराज हिसाब किताब भी ठीक है। वजीरे खज़ाना ने अपनी चिन्ता व्यक्त की। (Moral Stories | Stories) तब, तुम जानो और तुम्हारा काम जाने, लगान तो बढ़ा ही है न... तब, तुम जानो और तुम्हारा काम जाने, लगान तो बढ़ा ही है न? फिर आपको इतनी चिन्ता करने की क्या आवश्यकता है? रात बहुत बीत चुकी है अब आप भी इस बखेड़े को कल तक के लिए छोड़ो और आराम करो। यह कहते हुए सम्राट ने अपना मुंह मोड़ लिया। वजीरे खज़ाना ने कहा आमदनी बढ़ी है यह ठीक है परन्तु यही तो साम्राज्य के लिए चिन्ता का कारण है। लगान की कमी सही जा सकती है। पर यदि अन्याय और अनैतिक रूप से वसूली गई एक कौड़ी भी खजाने में आ जाती है तो वह सारे साम्राज्य को नष्ट कर देती है। वजीरे खज़ाना ने अपने मन की पीड़ा को धीरे धीरे कहना शुरू किया। महाराज, यहाँ भी ऐसा ही हुआ है। किसानों की पैदावार तो नाममात्र की हुई थी। इस वर्ष गर्मी बहुत अधिक पड़ी थी। इससे गंगा यमुना जैसी विशाल और भरी पूरी नदियों का पानी भी सूख चला था। जल सूख जाने से किनारे की जमीन निकल आई थी। (Moral Stories | Stories) इस जमीन में लोगों ने खेती खलिहान के लिए कुछ बाड़े बनाये और उन्हीं के द्वारा खज़ाने में कुछ धन अधिक जमा हुआ। आमदनी बढ़ने का यही गुप्त रहस्य है। नदियाँ सूख गई, जल दूर चला गया और लगान बढ़ा। वित्त मंत्री की चिन्ता ने सम्राट के मस्तिष्क पर भी अपना असर दिखाया, कुछ देर तक वे इन्हीं शब्दों को रटते रहे। (Moral Stories | Stories) नदी का जल सूख जाना भी तो एक प्राकृतिक संकट है और फिर ऐसे संकट के समय प्रजा से अधिक लगान वसूल करके मौज उड़ाने वाला सम्राट भला कब तक टिका रह सकता है, यह अन्याय का पैसा है। मेरे खज़ाने में ऐसी एक भी कौड़ी नहीं आनी चाहिए सम्राट ने अपनी आज्ञा सुना दी। हमारी सारी प्रजा का लगान लौटा दो और उन्हें बता दो कि वे सब मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करें कि फिर कभी इस राज्य की नदी नहीं सूखें। प्रजा का सुख ही हमारा सुख है। इस राज्य की समृद्धि का यही कारण है। सम्राट का आदेश सुनकर वजीरे खज़ाना खुशी से झूम उठा। सच ही है किसी भी देश की सुख, शान्ति और समृद्धि में वहाँ की प्रजा की खुशहाली का बहुत बड़ा योगदान रहता है। (Moral Stories | Stories) bal-kanahi | hindi-bal-kahani | hindi-moral-story | kids-moral-story | moral-stories-for-kids | लोटपोट | hindii-baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii | hindii-naitik-khaanii | bccon-kii-naitik-khaaniyaan यह भी पढ़ें:- Moral Story: गुरूकर्म Moral Story: आत्म बोध Moral Story: इर्षा का बदला Moral Story: चाँदी का कुआँ #लोटपोट #Lotpot #Hindi Bal Kahani #Kids Moral Story #Moral Stories for Kids #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #bal kanahi #Hindi Moral Story #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #छोटी हिंदी कहानी You May Also like Read the Next Article