Moral Story: चाँदी का कुआँ बहुत दिन हुए, एक ठग व्यापारी का वेश बनाकर किसी गाँव में पहुँचा। उसने दिन भर इधर-उधर घूमकर समय बिताया। रात होने पर वह एक किसान के घर पहुँचा। वहाँ उसने अपने को राहगीर बता कर रात गुजारने के लिए जगह माँगी। By Lotpot 15 Nov 2023 in Stories Moral Stories New Update चाँदी का कुआँ Moral Story चाँदी का कुआँ:- बहुत दिन हुए, एक ठग व्यापारी का वेश बनाकर किसी गाँव में पहुँचा। उसने दिन भर इधर-उधर घूमकर समय बिताया। रात होने पर वह एक किसान के घर पहुँचा। वहाँ उसने अपने को राहगीर बता कर रात गुजारने के लिए जगह माँगी। (Moral Stories | Stories) किसान सीधा सादा और दयालु था, उसने व्यापारी को अपने घर ठहरा लिया... किसान सीधा सादा और दयालु था, उसने व्यापारी को अपने घर ठहरा लिया। उसे प्रेम से खिलाया पिलाया, भोजन करने के बाद किसान ने व्यापारी के लिए चारपाई पर बिस्तर बिछा दिया और खुद अपने लिए भी पास ही बिस्तर लगा दिया। व्यापारी लेटे-लेटे किसान से बाते करने लगा, उसने किसान से पूछा ‘भैया, बस्ती के बाहर पीपल के पास जो कुआँ है, उसके बारे में कुछ जानते हो? किसान ने कहा ‘हाँ, पीपल के पास एक कुआँ है। वह टूटा फूटा है तथा उसके पानी में भी कीड़े पड़ गए हैं। गाँव वाले उसका पानी कभी नहीं पीते। (Moral Stories | Stories) व्यापारी ने अपनी आवाज को कुछ धीमा करते हुए कहा ‘तुम जानते हो, वह चाँदी का कुआँ है?’ उसका मालिक मैं ही हूँ।’किसान ने चौंककर कहा ‘कैसी बात करते हैं आप? कुआँ भी भला चाँदी का होता है? (Moral Stories | Stories) व्यापारी ने कहा ‘मैं स्वंय इस कुंए के बारे में कोई जानकारी नहीं रखता था लेकिन एक माह पूर्व जब मैंने अचानक दादाजी की अलमारी खोली तो अन्य पुराने समानों के साथ मुझे एक कागज भी मिला। उसमें उस कुएं के बारे में सारी जानकारी लिखी हुई थी। मैं आज के दिन यहाँ आया और कुएं में बाल्टी डाली। बाहर निकालने पर देखा कि गंदे पानी के साथ दो तीन चाँदी के गहने भी बाल्टी में आ गए। अपनी बात का विश्वास दिलाने के लिए व्यापारी ने चाँदी के गहने निकालकर किसान को दिखाये। गहने देखकर किसान को व्यापारी की बात पर विश्वास हो गया और वह बोला ‘तब तो सचमुच बड़े भाग्यवान हैं आप!’ (Moral Stories | Stories) व्यापारी को तो इसी अवसर की तलाश थी। वह बोला ‘मुझे धन का लालच नहीं, मगर मैं रहता हूँ दूर शहर में। यह कुआँ बेचने के लिए ही मैं यहाँ आया हूँ। सोचता हूँ तुम भले आदमी हो, क्यों न तुम्हे ही बेच दूँ?’ भोला-भाला किसान व्यापारी की चिकनी चुपड़ी बातों में बड़ी आसानी से आ गया। वह व्यापारी से ‘चाँदी का कुआँ’ खरीदने को तैयार हो गया। आखिर दोनों में दो हजार रूपयों में सौदा तय हो गया। (Moral Stories | Stories) किसान अपनी पत्नी के पास गया और सारी बात बताकर उससे दो हजार रूपये मांगे। किसान की पत्नी चतुर थी, उसने पति से कहा ‘देखो, मुझे तो इन बातों पर यकीन नहीं हो रहा है। तुम पहले रामू काका के पास जाकर सलाह ले लो, वह जैसा कहेंगे, वैसा ही हम करेंगे। (Moral Stories | Stories) पत्नी की बात किसान को पसंद आ गई। रामू काका गाँव के अनुभवी बुजुर्ग थे। किसान ने इस बारे में रामू काका से सलाह लेने का निश्चय कर लिया। व्यापारी के पास जाकर किसान ने कहा ‘देखिये, अभी तो मेरे घर में दो हजार रूपये का प्रबंध नहीं है। मेरा एक भाई यहाँ रहते हैं, सवेरे उनसे लाकर दे दूँगा। (Moral Stories | Stories) व्यापरी ने कहा ‘अच्छी बात है, लेकिन ध्यान रखना गाँव में किसी को यह बात पता न चले, वर्ना सब मेरे पीछे पड़ जाएंगे।सवेरा होने पर किसान भाई से रूपये लेने के बहाने रामू काका के पास गया और उन्हें सारी बात विस्तार से बताई। रामू काका बोले ‘देखो, आज मैं इतना बूढ़ा हो चला हूँ लेकिन मैंने आज तक चाँदी के कुएं के बारे में कभी नहीं सुना।’ तुम ऐसा करो, उस व्यापारी से जाकर कहो कि मेरे भाई ने कहा है, लिखा-पढ़ी होगी तो दो हजार रूपये दूँगा और बिना लिखा-पढ़ी के एक हजार रूपये। यदि कुआं वास्तव में चाँदी का होगा तो वह लिखा पढ़ी के लिए तैयार हो जाएगा। नहीं, तो एक हजार रूपये में ही मान जाएगा। (Moral Stories | Stories) रामू काका से विदा ले, किसान अपने घर पहुँचा। व्यापारी से बोला ‘मेरे भाई ने कहा है कि यदि आप लिखा पढ़ी करने को तैयार हैं तो दो हजार रूपये दूँगा वर्ना आप बिना लिखा-पढ़ी के एक हजार रूपये ले लेना। व्यापारी के वेश में ठग किसी तरह जल्दी से जल्दी रूपये लेकर जाना चाहता था। बोला ‘भाई, तुम बड़े भले आदमी हो। तुमसे क्या लिखा-पढ़ी करना? लाओ, एक हजार रूपये ही। (Moral Stories | Stories) बस..... अब समझने को भला क्या रह गया था? किसान को समझ में आ गई कि वह व्यापारी के वेश में ठग है। रूपये लेने के लिए अंदर जाने के बहाने वह पड़ोस से चार पाँच आदमियों को बुला लाया। उन्होंने उस ठग की जमकर पिटाई की। पिटाई हुई तो उसने असली बात बता दी। गाँव वालों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। (Moral Stories | Stories) बच्चों की नैतिक कहानियाँ | बाल कहानी | लोटपोट | Moral Hindi Stories | Moral Stories for Kids | Lotpot Ki Bal Kahania | Lotpot latest Issue | hindi-bal-kahania यह भी पढ़ें:- Moral Story: राजकुमारियों का पाठ Bal Kahani: बीमार राजा Moral Story: स्वार्थी आदमी Moral Story: जो प्राप्त वो पर्याप्त #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Moral Stories for Kids #Hindi Bal kahania #Lotpot Ki Bal Kahania #Lotpot latest Issue #Moral Hindi Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ You May Also like Read the Next Article