Moral Story: समझ आ गई एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत पेरशान था। वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहता तो एक ही जवाब मिलता, ‘‘अभी मैं इतना छोटा हूं... धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा"। By Lotpot 07 Feb 2024 in Stories Moral Stories New Update समझ आ गई Moral Story समझ आ गई:- एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत पेरशान था। वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहता तो एक ही जवाब मिलता, ‘‘अभी मैं इतना छोटा हूं... धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा"। पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता। (Moral Stories | Stories) उन्हीं दिनों एक महात्मा गांव में पधारे हुए थे, जब आदमी को उनकी ख्याति के बारे में पता चला तो वह तुरंत उनके पास पहुंचा और अपनी समस्या बताने लगा। महात्मा जी ने उसकी बात सुनी और कहा, ‘‘ठीक है, आप अपने बेटे को कल सुबह बगीचे में लेकर आइये, वहीं मैं आपको उपाय बताऊंगा"। अगले दिन सुबह पिता-पुत्र बगीचे में पहुंचे। महात्मा जी बेटे से बोले, ‘‘आइये हम दोनों बगीचे की सैर करते हैं,’’ और वो धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे। (Moral Stories | Stories) चलते-चलते ही महात्मा जी अचानक रुके और बेटे से कहा, ‘‘क्या तुम इस छोटे से पौधे को उखाड़ सकते हो"। ‘‘जी हां, इसमें कौन सी बड़ी बात है’’, और ऐसा कहते हुए बेटे ने आसानी से पौधे को उखाड़ दिया। फिर वे आगे बढ़ गए और थोड़ी देर बाद महात्मा जी ने थोड़े बड़े पौधे की तरफ इशारा करते हुए कहा... फिर वे आगे बढ़ गए और थोड़ी देर बाद महात्मा जी ने थोड़े बड़े पौधे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘क्या तुम इसे भी उखाड़ सकते हो"। बेटे को तो मानो इन सब में कितना मजा आ रहा हो, वह तुरंत पौधा उखाड़ने में लग गया। इस बार उसे थोड़ी मेहनत लगी पर काफी प्रयत्न के बाद उसने इसे भी उखाड़ दिया। (Moral Stories | Stories) वे फिर आगे बढ़ गए और कुछ देर बाद पुनः महात्मा जी ने एक गुडहल के पेड़ की तरफ इशारा करते हुए बेटे से इसे उखाड़ने के लिए कहा। बेटे ने पेड़ का तना पकड़ा और उसे जोर-जोर से खींचने लगा पर पेड़ तो हिलने का भी नाम नहीं ले रहा था। जब बहुत प्रयास करने के बाद भी पेड़ टस से मस नहीं हुआ तो बेटा बोला, ‘‘अरे! ये तो बहुत मजबूत है इसे उखाड़ना असंभव है"। महात्मा जी ने उसे प्यार से समझाते हुए कहा, ‘बेटा, ठीक ऐसा ही बुरी आदतों के साथ होता है, जब वे नई होती हैं तो उन्हें छोड़ना आसान होता है, पर वे जैसे-जैसे पुरानी होती जाती हैं इन्हें छोड़ना मुश्किल होता जाता है'। बेटा उनकी बात समझ गया और उसने मन ही मन आज से ही आदत छोड़ने का निश्चय किया और धीरे-धीरे बुरी आदत छोड़ दी। (Moral Stories | Stories) lotpot-e-comics | bal kahani | bal-kahaniyan | short-moral-stories | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | hindi-kids-stories | hindi-stories | moral-stories-for-kids | kids-hindi-moral-stories | moral-stories | hindi-moral-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | bccon-kii-naitik-khaaniyaan यह भी पढ़ें:- Moral Story: समझौता और कड़ी मेहनत का मोल Moral Story: सफलता का सबक Moral Story: अंधा पहरेदार Moral Story: गुरूकर्म #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Moral Stories #Hindi Kids Stories #Moral Stories for Kids #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories You May Also like Read the Next Article