बाल कहानी : आत्मनिर्भरता की सीख
सोहन के पिता गाँव के सबसे बड़े ज़मींदार थे। सोहन उनका इकलौता पुत्र था। घर में किसी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। नौकरों की संख्या इतनी थी कि कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं थी।
सोहन के पिता गाँव के सबसे बड़े ज़मींदार थे। सोहन उनका इकलौता पुत्र था। घर में किसी वस्तु की कोई कमी नहीं थी। नौकरों की संख्या इतनी थी कि कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं थी।
शिक्षाप्रद कहानी- बहुत समय पहले, अब्राहम लिंकन चाय पीने के लिए एक छोटे से होटल में गए थे। उस समय, वे अभी तक अमेरिका के नेता नहीं थे, और बहुत से लोग नहीं जानते थे कि वे कौन थे।
दूध वाला स्पोंसर :- टीम तैयार थी उन्हें सिर्फ एक स्पोंसर की जरूरत थी। इलाके के सभी बच्चे हाॅकी बड़ी दिलचस्पी से खेलते थे। लगभग सभी के पास अपनी-अपनी हाॅकी स्टिक थी।
एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक कुंआ था। इस कुएं के पास एक बकरी और एक लोमड़ी अक्सर मिलते-जुलते थे। बकरी का नाम था पिंकी और लोमड़ी का नाम था मीरा।
चिड़िया का बच्चा पूरा दिन अपने घोंसले में आराम से रहता था और चिड़िया बेफिक्र होकर भोजन की तलाश करने निकल जाती थी। चिड़िया ने देख-भाल कर अपना घोंसला खेत की सबसे मजबूत डाली पर बनाया था
मजेदार बाल कहानियां- सौतेली मां: एक नई शुरुआत :- ‘‘मैंने बहुत सी हिन्दी फिल्मों में देखा है कि सौतेली मां कभी ममतामयी नहीं हो सकती। हो सकता है कि वो शुरू के कुछ वर्ष प्यार दे किन्तु बाद में वो अपने रंग दिखाने लगती है।’’
मजेदार कहानी : तुम कब बड़े होगे?- राजा तेरह साल का था। उसे अपनी मां से यह वाक्य दिन में कई बार सुनना पड़ता था। राजा को एक बड़ी अजीब परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा था।