बाल कहानियां : वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते है जो खाने के लिए जिंदा रहते है। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे।
बात तब की है जब हम मेरठ में रहते थे। मैं छठी कक्षा में पढ़ता था और पेटूनंद जो मेरी ही कक्षा में पढ़ते थे। बड़ा ही मजेदार व्यक्तित्व था उनका, एकदम ड्रम जैसा गोल धड़, ऊपर अंडाकार खोपड़ी, मुंडा हुआ सिर और उस पर चुपड़ा कड़वा तेल।
ज्ञान देती एक कहानी : बेटे राजीव के एमबीए परीक्षा का रिज़ल्ट आने वाला था। सुबह से मां इंतज़ार कर रही थी कि कब बेटा परीक्षा परिणाम लेकर घर आए। माँ ने उपवास भी रख लिया और भगवान के सामने मन्नत भी मांग ली कि अगर बेटा अच्छे नंबरों से अपनी एम बी ए की परीक्षा पास कर ले तो वो और तीन दिन का उपवास रख लेगी।
बाल कहानी – सच्ची दोस्ती : एक जंगल के किनारे एक गांव था। एक दिन उस जंगल से निकलकर एक बन्दर गांव में आ गया। वहां उसे एक झोपड़ी में रोटी पकने की सुगंध आई तो वो अंदर झांकने लगा। अंदर एक औरत रोटी पका रही थी और एक बच्चा खाना खा रहा था। बच्चे की नजर खिड़की पर गई तो उसे बन्दर दिखाई दिया। बच्चे ने मां से एक रोटी ली और बंदर को डाल दिया। बन्दर रोटी खाकर चला गया। अगले दिन वो फिर से आ गया। कुछ ही दिनों में बन्दर की दोस्ती बच्चे से हो गई।
प्रेरक कहानी : साधू की सीख :- एक जंगल में एक विशाल नाग रहता था, वो बड़ा गुस्से वाला था और छोटी छोटी बात पर सबको काटने दौड़ता था। इस कारण जंगल के सारे पशु पक्षी उससे दूर रहते थे। एक दिन जब नाग नदी किनारे सो रहा था तो एक बन्दर के बच्चे ने शोर मचाकर उसकी नींद तोड़ दी। नाग की नींद टूट गई तो गुस्से में उसने बन्दर के बच्चे को पकड़ लिया। बन्दर जोर जोर से रोने लगा, तो बन्दर की मां ने नागराज से विनती की कि वो बच्चे को छोड़ दें, लेकिन गुस्से से भरा नाग तैयार नहीं हुआ।
शिक्षाप्रद कहानी : अपनी बुद्धि अपनी समझ :- एक देश का राजा अपने को बहुत दानवीर मानता था। वो अक्सर तरह तरह के खेल आयोजित करता, और जीतने वाले को इनाम देता था।राजा के दरबार में एक बुद्धिमान मंत्री भी था। एक बार, राजा ने ढिंढोरा पिटवाया कि जो इंसान इस कड़ाके की ठंड में, रात भर तालाब के पानी में खड़ा रहेगा उसे पुरस्कार दिया जाएगा । बहुत से लोगों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने की कोशिश की, लेकिन तालाब के ठंडे पानी में रात भर, गले तक डूबकर खड़े रहने की हिम्मत किसी में नहीं हुई।
लोटपोट की कहानी : कामचोरी और चालाकी- एक व्यापारी के अस्तबल में एक घोड़ा और एक गधा साथ रहते थे। व्यापारी रोज घोड़े पर सवार होकर अपनी दुकान पर जाता था लेकिन गधे की सवारी वो सिर्फ तब करता था जब उसे कोई भारी माल ढोकर शहर बेचने जाना पड़ता था।
लोटपोट की कहानी का पिटारा : राजू और सच की जीत :- ग्यारह बजकर दस मिनट हो चुके थे। तेज कदमों से चलते हुए राजू की नजर ज्यों ही घड़ी पर पड़ी, उसने यकायक हड़बड़ाकर भागना शुरू कर दिया। ठीक सवा ग्यारह बजे उसने हाँफते हुए स्कूल में प्रवेश किया। कुछ ही पल बाद वह अपनी कक्षा के दरवाजे पर खड़ा था। कक्षा में गणित के अध्यापक श्री सक्सेना जी छात्रों को पढ़ा रहे थे।
जंगल कहानी : चीकू की बुद्धि का कमाल: – हर रोज की तरह आज भी चीकू (खरगोश) स्कूल से पढ़ने के बाद अकेला घर वापस लौट रहा था। सहसा उसकी नजर टोनी (भालू) पर पड़ी। जो उसी की ओर लम्बे डग भरता चला आ रहा था।
एक प्ररेक बाल कहानी : उन्नति का लक्ष्य :- ‘‘हां करण, मैने तो इन बातों पर ध्यान ही नहीं दिया था। मैं ही कहीं और काम खोजूंगा।’’ विक्की ने कहा।
काम खोजता-खोजता विक्की एक न्यूज पेपर एजेंट के पास पहुंचा। एजेंट ने उसे अखबार बाँटने की नौकरी दे दी। अब वह सुबह-सुबह घर-घर अखबार और पत्र-पत्रिकाएं पहुंचाने लगा। फिर वहीं हुआ। एक दिन रास्ते में ही करण मिल गया।
जंगल की कहानी : मच्छर का घमंड: – एक तालाब के किनारे एक हाथी आराम कर रहा था। उसके विशाल पीठ पर कई पक्षियां बैठी चहचाहा रही थी। तभी पास की झाड़ी से एक बड़ा सा काला मच्छर अपने दल बल के साथ उड़ता हुआ हाथी के सर पर जा बैठा।