Jungle Stories जंगल कहानी : गोरे काले का भेदभाव जंगल कहानी (Jungle Story) गोरे काले का भेदभाव: - एक मकान में एक नीम का पेड़ था। जिस पर एक कौआ रहता था। वह बड़ा दयालु प्रवृति का था। उसी मकान में ही एक कबूतर ने घोंसला बना रखा था। दोनों में कोई मित्रता नहीं थी। कौए ने कई बार कबूतर से दोस्ती करने का प्रयत्न किया। By Lotpot 12 Oct 2023
Jungle Stories जंगल कहानी : चालाक लोमड़ी की चालाक हरकतें जंगल कहानी (Jungle Story) : किसी जंगल में एक शेर तथा एक रीछ रहते थे। उन दोनों में गहरी मित्रता थी। वह साथ उठते साथ बैठते, हंसते, साथ सोते, यहां तक कि वह दोनों एक ही गुफा में एक साथ रहते थे। दोनों में बहुत प्रेम था जंगल के सारे जानवर उनकी मित्रता को देख कर जलते थे। By Lotpot 12 Oct 2023
Jungle Stories जंगल की कहानी : मच्छर का घमंड जंगल की कहानी : मच्छर का घमंड: - एक तालाब के किनारे एक हाथी आराम कर रहा था। उसके विशाल पीठ पर कई पक्षियां बैठी चहचाहा रही थी। तभी पास की झाड़ी से एक बड़ा सा काला मच्छर अपने दल बल के साथ उड़ता हुआ हाथी के सर पर जा बैठा। By Lotpot 12 Oct 2023
Jungle Stories जंगल कहानी : चीकू की बुद्धि का कमाल जंगल कहानी : चीकू की बुद्धि का कमाल: - हर रोज की तरह आज भी चीकू (खरगोश) स्कूल से पढ़ने के बाद अकेला घर वापस लौट रहा था। सहसा उसकी नजर टोनी (भालू) पर पड़ी। जो उसी की ओर लम्बे डग भरता चला आ रहा था। By Lotpot 12 Oct 2023
Stories ज्ञान देती एक कहानी : जीवन की सब से प्रथम गुरु हमारी माँ है ज्ञान देती एक कहानी : बेटे राजीव के एमबीए परीक्षा का रिज़ल्ट आने वाला था। सुबह से मां इंतज़ार कर रही थी कि कब बेटा परीक्षा परिणाम लेकर घर आए। माँ ने उपवास भी रख लिया और भगवान के सामने मन्नत भी मांग ली कि अगर बेटा अच्छे नंबरों से अपनी एम बी ए की परीक्षा पास कर ले तो वो और तीन दिन का उपवास रख लेगी। By Lotpot 12 Oct 2023
Stories प्रेरक कहानी : ईर्ष्या का बदला प्रेरक कहानी : ईर्ष्या का बदला :- राजा देवराज के राज्य में जयपाल नामक एक व्यक्ति रहा करता था। वह एक सफल मूर्तिकार था। उसकी कला से प्रसन्न होकर राजा देवराज ने उसे अपने राज कारीगरों में शामिल कर लिया था। एक बार देवराज ने जयपाल से ऐसी मूर्ति बनाने को कहा जो सर्वश्रेष्ठ हो। By Lotpot 12 Aug 2023
Stories बाल कहानी : मुनीम और नौकर का अंतर बाल कहानी : मुनीम और नौकर; करोड़ीमल लखनऊ के माने हुए सेठ थे। उद्धार व दानी होने के कारण सभी उनकी प्रशंसा करते थे। सेठ जी के यहाँ रामू नाम का एक नौकर और एक मुनीम काम करते थे। रामू एक मूर्ख किस्म का व्यक्ति था। By Lotpot 17 Jun 2023
Stories स्वामी विवेकानन्द ने समझा मनोबल से कैसे हो मुकाबला स्वामी विवेकानन्द उन दिनों बालक ही थे। सत्य की खोज में वे घर से निकलकर नगर-नगर घूम रहे थे घूमते-घूमते वे काशी जा पहुँचे वहां मन्दिरों में घूमते हुए वे एक दिन नगर से बहुत दूर निकल गए यह यानि कुछ निर्जन और सुनसान सा था...पढ़ें By Lotpot 10 Jun 2023
Stories बाल कहानियां : सम्राट पेटू नंद की गजब कहानी बाल कहानियां : वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते है जो खाने के लिए जिंदा रहते है। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे। बात तब की है जब हम मेरठ में रहते थे। मैं छठी कक्षा में पढ़ता था और पेटूनंद जो मेरी ही कक्षा में पढ़ते थे। बड़ा ही मजेदार व्यक्तित्व था उनका, एकदम ड्रम जैसा गोल धड़, ऊपर अंडाकार खोपड़ी, मुंडा हुआ सिर और उस पर चुपड़ा कड़वा तेल। By Lotpot 15 May 2023