हिंदी जंगल कहानी: गधे ने होटल खोला
मुर्खानंद गधे ने जब होटल खोला, तो जंगल के जानवरों को बड़ा आश्चर्य हुआ। कारण वे सभी यह अच्छी तरह जानते थे कि गधे जी होटल नहीं चला पाएँगे। भला अनपढ़ भी किसी काम का होता है।
मुर्खानंद गधे ने जब होटल खोला, तो जंगल के जानवरों को बड़ा आश्चर्य हुआ। कारण वे सभी यह अच्छी तरह जानते थे कि गधे जी होटल नहीं चला पाएँगे। भला अनपढ़ भी किसी काम का होता है।
विजय अपने माता-पिता के साथ सुजानगढ़ में रहता था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह बहुत शरारती था। पढ़ने से वह हमेशा जी चुराता था। पढ़ाई की वजह से वह स्कूल से कई बार भाग भी जाता था।
किसी जंगल में एक मक्खी और हाथी की मित्रता की बड़ी चर्चा थी। लेकिन जंगल के अधिकांश पशु-पक्षी उनकी मित्रता की बातों को सुनकर हंसते थे। कारण यह था कि मक्खी जब भी हाथी से मिलती थी।
सुंदरवन में पलटू नाम का एक गधा रहता था। वह हर समय उटपटांग हरकत करता रहता था और बिना मतलब की बातें सोचा करता था। कभी-कभी उसकी सोच के चक्कर में जंगल के जानवर भी फंस जाते थे।
एक बार एक सज्जन पुरूष दिल्ली से अम्बाला जा रहे थे। दिसम्बर का महीना था और जनाब थे भी मोटर साईकिल पर सवार। अगर एक मुसीबत हो तो भुगत ली जाये लेकिन यहाँ मुसीबतें थी।
किसी गाँव में एक फूलकुमारी नाम की महिला रहती थी। दूसरों के घर की सफाई तथा बर्तन मांजकर थोड़े बहुत पैसे उसे मिलते थे। उन्हीं पैसों से गुजारा करती थी। उस फूलकुमारी का इकलौता बेटा था रामू।
चितवन जंगल में एक गीदड़ राह करता था। उसकी यह प्रतिदिन की आदत थी कि वह खूब तड़के जाग जाता और हवाखोरी के लिए निकल पड़ता। सुबह की ताजी हवा उसके शरीर में स्फूर्ति भरती और वह पूरे दिन तरोताज़ा रहता।