बाल कथा- निष्कपट हाथी
एक वक्त था जब वाराणसी में ब्रह्मदत्ता का राज हुआ करता था, उसी शहर में लकड़हारा की बस्ती हुआ करती थी। हर दिन लकड़हारा नदी के किनारे पेड़ काटने जाते और जंगल से लकड़ियां लेकर आते थे।
एक वक्त था जब वाराणसी में ब्रह्मदत्ता का राज हुआ करता था, उसी शहर में लकड़हारा की बस्ती हुआ करती थी। हर दिन लकड़हारा नदी के किनारे पेड़ काटने जाते और जंगल से लकड़ियां लेकर आते थे।
एक समय की बात है, एक सेठ था जिसकी दौलत असीम थी, लेकिन उसकी आत्मा बेचैन थी। वह हर समय चिंतित और असंतुष्ट रहता। उसे किसी ने बताया कि पास के जंगल में एक प्रसिद्ध साधु रहते हैं
बहुत समय पहले की बात है, एक राज्य था जहां राजा रामभद्र राज करते थे। उनकी दयालुता और न्यायप्रियता के कारण प्रजा उन्हें भगवान की तरह पूजती थी। उनका नाम पूरे राज्य में सद्भावना और उदारता का प्रतीक बन गया था।
एक अमीर औरत ने एक गरीब अनाथ लड़की को गोद लिया, जो बहुत ही वफादार, आज्ञापालक और हमेशा खुश और दयापूर्वक रहती थी । एक दिन वह औरत उस लड़की से कहा, ‘‘एनी, तुम एक अच्छी हो, इसलिए इस क्रिसमस में तुम्हारे लिए कुछ नए कपडे खरीदूंगी।
बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में राजा वीरेंद्र का शासन था। राजा वीरेंद्र अपने न्यायप्रिय और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। एक दिन राजा ने घोषणा की कि वह अपने राज्य के लोगों में से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा।
लिटिल वेंडेल के बच्चों का यह क्रिसमस बड़ी ही उदासी भरा है। माँ बहुत बीमार है और पापा, माँ को लेकर बहुत ही चिंता में हैं, इसके अलावा वह कुछ और नहीं सोच पा रहे हैं।
परी नाम की एक छोटी और प्यारी लड़की थी, लेकिन उसकी एक आदत सबको परेशान कर देती थी—गुस्सा। बात-बात पर उसका गुस्सा फूट पड़ता। उसकी मां उसे हमेशा समझातीं,