हिंदी नैतिक कहानी: अपनी अपनी रूचि
Web Stories: रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते
Web Stories: रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते
Web Stories: यह एकदम सच्ची और प्रेरक घटना है, हालांकि घटना थोड़ी पुरानी है, यानि अंग्रेजी राज्य के समय की जब हमारा देश गुलाम था। गोरे किसानों पर बहुत अत्याचार करते थे,
Web Stories: पचास वर्तष पहले का एक वाकया है, साठ वर्ष तक दफ्तर में सुख से राज करने के पश्चात् जुगनू बाबू रिटायर हुए और अपने घर में आ बैठे। पहली तारीख को उनकी पेंशन
Web Stories: एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा।
Web Stories: धनिया एक गरीब बच्चा था। न उसके पास रहने को घर था और न पहनने को वस्त्र। दिन भर वह कालोनी के लोगों के छोटे-मोटे काम करता था और जो कुछ रूखा-सूखा मिलता था
Web Stories: राम रतन में सोच समझ कर काम करने की बुद्धि का अभाव था। वह उतावलेपन कुछ में कुछ भी कर बैठता था। तथा फिर पछताता था। उसके मित्रों ने व उसके माता-पिता ने उसे कई
Web Stories: जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग