Fun Story: बाबापुर की रामलीला
हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक मंडली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कृष्णदेव राय तथा विजयनगर की प्रजा के लिए रामलीला किया करते थे। परंतु एक बार राजा को सूचना मिली कि नाटक मंडली विजयनगर नहीं आ रही है।
हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक मंडली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कृष्णदेव राय तथा विजयनगर की प्रजा के लिए रामलीला किया करते थे। परंतु एक बार राजा को सूचना मिली कि नाटक मंडली विजयनगर नहीं आ रही है।
सुन्दरवन विद्यालय का नाम आस पास के जंगलों में भी फैला हुआ था। वहाँ पढ़ने वाले जानवर खूब मन लगाकर पढ़ते थे, अध्यापक भी उन्हें पढ़ाने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते थे।
बहुत दिन पहले, उत्तर भारत के एक गांव में एक गरीब मजदूर रहता था। वह गांव बहुत घने जंगलों और पहाड़ों के किनारे बसा हुआ था, इसलिए अक्सर जंगलों में रहने वाले डाकू रात के समय इस गांव पर धावा बोल दिया करते थे।
कौशिकांबा नगर में राजा रवि एक प्रतापी, दयालु न्यायप्रिय व महान धार्मिक स्वभाव के राजा थे। वे प्रतिदिन प्रायः स्नानादि से निवृत होकर पूजापाठ में काफी समय लगाते, जब कहीं राज्य कार्य में जुटते थे।
झुमकू बन्दर अक्सर जासूसी की किताबें पढ़ता रहता था। वह चाहता था कि वह एक महान जासूस बने उसका सारी दुनिया में नाम हो और एक रात उसे जासूसी करने का अवसर हाथ लग ही गया। उस रात वह अपने दोस्त के घर से जन्मदिन की पार्टी से लौट रहा था।
अकबर ने अपना शासन तेरह साल की उम्र में संभाला था। अपने शासन में अकबर ने कई बड़े अंपायर बनाए। वह अकल्पनीय चमक में रहते थे। उनके आसपास ढेरों सेवक रहते थे और उनके सेवक उनके हर शब्द को मानते थे।
दीपू के कई मित्र थे। वह विद्यालय का सबसे प्रसिद्ध लड़का था। वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी सदैव आगे रहता था। वह कक्षा के सभी विधार्थियों से बड़े प्रेम से बात करता। उसकी बोली में रस घुलता था।