Moral Story: संगति का फल
Web Stories: सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का
Web Stories: सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का
Web Stories: विष्णु कॉलेज में पढ़ता था, उसके सभी कॉलेज के मित्रों में एक गुण समान था। कक्षा की पढ़ाई को छोड़कर उन्हे हर काम में दिलचस्पी थी। प्रताप के पिता मैजिस्ट्रेट थे
Web Stories: कुछ माह पूर्व मेरे एक मित्र ने शिकायत की, कि उसके पास प्रार्थना के लिए कोई समय ही नहीं बचता क्योंकि 3 घंटे तो उसके कार्यस्थल तक आने और जाने में ही बर्बाद हो
Web Stories: चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल
Web Stories: विजय और अजय दोनों भाई कक्षा सात में पढ़ते थे। दोनों साथ साथ घर से स्कूल और स्कूल से घर आते जाते थे। विजय पढ़ने में बहुत तेज था हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आता
Web Stories: आधी छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे अपना अपना बस्ता उठा कर पार्क की ओर भागे। कुछ स्कूल कैन्टीन में चले गए। इन बच्चोें में एक बच्चा ऐसा भी था, जो सबसे अलग जा रहा
Web Stories: एक शिव मन्दिर था अनेक शिव भक्त उस मन्दिर में प्रातः काल आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना किया करते। नवल और रूचिर दो सगे भाई थे। नवल को खाने पीने का काफी