मज़ेदार कहानी : घमंडी खींचू खटमल और मेहनती चींटी
खींचू खटमल और रिंकी चींटी में बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक साधारण से घर में रहते थे। खींचू खटमल बूढ़े मकान मालिक की चारपाई में रहता था, जबकि रिंकी चींटी उसी कमरे में एक छोटे से बिल में रहती थी।
खींचू खटमल और रिंकी चींटी में बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक साधारण से घर में रहते थे। खींचू खटमल बूढ़े मकान मालिक की चारपाई में रहता था, जबकि रिंकी चींटी उसी कमरे में एक छोटे से बिल में रहती थी।
विद्यालय में पी.टी. के शिक्षक सर मेलन बच्चों के खेलते समय उनकी सावधानी पर नजर रख रहे थे। सभी छात्र खेल के मैदान में अपनी ऊर्जा के साथ झूम रहे थे, लेकिन सर की नजरें एक विशेष घटना पर टिक गईं।
एक बार की बात है, शहर के एक छोटे से मोहल्ले में सूरज नाम का एक नटखट लड़का रहता था। उसकी शरारतों से पूरा मोहल्ला परेशान रहता था, लेकिन सब उसे बहुत प्यार भी करते थे।
यह कहानी "अहंकार का सबक-Story Lesson of Ego" एक व्यवसायी की है जिसने अपने कारोबार में खूब सफलता पाई और धन-संपत्ति अर्जित की। जैसे-जैसे उसका व्यापार बढ़ता गया
बहुत पुराने समय की बात है। एक राज्य था, जिसका राजा अहंकारी और घमंडी था। उसके पास विशाल दरबार, अनगिनत नौकर-चाकर और सभी प्रकार की राजसी सुख-सुविधाएँ थीं।
एक बार की बात है, कौशलपुरी राज्य के राजा राघवेंद्र सिंह शिकार खेलने के लिए जंगल में गए। लेकिन वहां रास्ता भटक गए और भूख-प्यास से व्याकुल होकर एक वनवासी की झोपड़ी तक जा पहुँचे।
एक बार एक साधु ने सुनसान जगह पर एक झोपड़ी बना ली। वह वहीं मजे में रहने लगा। जंगली फल-फूलों से वह अपना गुजारा करता और हमेशा भगवद भजन में लीन रहता। एक दिन, तीन राजपुरुष जंगली जानवरों का शिकार करते हुए उसकी झोपड़ी के करीब आए।
एक बार की बात है। महाराणा प्रताप मोहन नामक राजा कई दिनों से बीमार थे। राजवैद्य ने उनकी बीमारी का इलाज करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे बीमारी का सही कारण पता नहीं कर सके।