Moral Story : क्रिसमस का जादुई तोहफा
यह कहानी है दिल्ली शहर के एक छोटे से मोहल्ले की, जहाँ सभी लोग क्रिसमस की तैयारियों में व्यस्त थे। बच्चे गिफ्ट्स की उम्मीद कर रहे थे और हर घर में चमकते-दमकते क्रिसमस ट्री सजे हुए थे।
यह कहानी है दिल्ली शहर के एक छोटे से मोहल्ले की, जहाँ सभी लोग क्रिसमस की तैयारियों में व्यस्त थे। बच्चे गिफ्ट्स की उम्मीद कर रहे थे और हर घर में चमकते-दमकते क्रिसमस ट्री सजे हुए थे।
मनोहर नाम का एक युवक अपने बड़े भाई सुरेंद्र के साथ अपने पुश्तैनी मकान में रहता था। उनके पिता एक गरीब किसान थे, जो खेती करके परिवार का गुजारा करते थे। मनोहर केवल छठी कक्षा तक पढ़ा था
खींचू खटमल और रिंकी चींटी में बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक साधारण से घर में रहते थे। खींचू खटमल बूढ़े मकान मालिक की चारपाई में रहता था, जबकि रिंकी चींटी उसी कमरे में एक छोटे से बिल में रहती थी।
विद्यालय में पी.टी. के शिक्षक सर मेलन बच्चों के खेलते समय उनकी सावधानी पर नजर रख रहे थे। सभी छात्र खेल के मैदान में अपनी ऊर्जा के साथ झूम रहे थे, लेकिन सर की नजरें एक विशेष घटना पर टिक गईं।
एक बार की बात है, शहर के एक छोटे से मोहल्ले में सूरज नाम का एक नटखट लड़का रहता था। उसकी शरारतों से पूरा मोहल्ला परेशान रहता था, लेकिन सब उसे बहुत प्यार भी करते थे।
यह कहानी "अहंकार का सबक-Story Lesson of Ego" एक व्यवसायी की है जिसने अपने कारोबार में खूब सफलता पाई और धन-संपत्ति अर्जित की। जैसे-जैसे उसका व्यापार बढ़ता गया
बहुत पुराने समय की बात है। एक राज्य था, जिसका राजा अहंकारी और घमंडी था। उसके पास विशाल दरबार, अनगिनत नौकर-चाकर और सभी प्रकार की राजसी सुख-सुविधाएँ थीं।