बाल कहानी : भला कर भला हो
web Stories एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी.
web Stories एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी.
एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि, अब वह जिस भी द्वार पर जायेगा
राजा या चोर- एक मां अपने बेटे के साथ बाजार जा रही थी। उसी समय उस बाजार से कुछ सिपाही एक चोर को लेकर जा रहे थे। बेटे ने मां से पूछा, 'मां वो कौन है? उसके आस-पास सिपाही क्यों हैं?'
एक ठाकुर ने एक बनिए से कुछ पैसे उधार लिए थे, लेकिन बार-बार कहने के बाद भी वो उधार चुकाने में असमर्थ था। एक दिन वो बनिया ठाकुर के घर चला गया और उससे पैसे मांगने लगा। ठाकुर के घर पर मेहमान आए हुए थे।
आपने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम सुना होगा, उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था और सभी प्यार से उन्हें 'मनु' कहते। मनु को हथियार चलाने की शिक्षा बचपन में ही मिल गई थी
एक गुरु के दो शिष्य थे, जो दोनों ही किसान थे। वे ईश्वर की भक्ति में लीन रहते थे और स्वच्छता एवं सादगी को महत्व देते थे। हालांकि, दोनों की परिस्थितियाँ एक जैसी होते हुए भी उनमें एक बड़ा सुखी था,
सोनजूही छोटा सा गांव था। धरमचन्द वहाँ का मुखिया था । उसके पास काफी खेती बाड़ी थी । फसल भी खूब होती। किसी चीज की कमी उसे नहीं थी। जाड़े का मौसम था । धरमचन्द के पास एक कोट था बहुत पुराना ।