जंगल की कहानी : हंस चला जंगल के स्कूल
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
एक बार की बात है, जंगल के एक हिस्से में भूखा भालू टहल रहा था। उसका पेट भूख से मरोड़ खा रहा था और उसे कुछ खाने की तलाश थी। तभी उसने दूर से एक लोमड़ी को देखा, जो बड़े मजे से मांस खा रही थी।
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक बुद्धिमान कबूतर रहता था, जिसका नाम था मीशू। मीशू के पास एक खूबसूरत पेड़ था, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहता था।
इस कहानी में, एक अनोखे टीचर अंकल के जादू ने पढ़ाई को एक मजेदार सफर में बदल दिया। बच्चों के लिए पढ़ाई अब कोई बोझ नहीं, बल्कि एक रोमांचक यात्रा बन गई। जानिए कैसे इस जादू ने बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाया और उन्हें सिखाया कि सीखना कितना मजेदार हो सकता है।
नंदन वन में चम्पा नाम की एक चुहिया अपने नटखट बेटे गोलू के साथ रहती थी। जब चम्पा बाहर गई, तो गोलू खेलते-खेलते पहाड़ी पर पहुँच गया और वहां भूरी बिल्ली से सामना हो गया। गोलू ने अपनी बुद्धिमत्ता और साहस का परिचय देते हुए मौसी को चकमा दिया और अपनी जान बचाई।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।