Fun Story: जुगाड़
एक बार कि बात है की अमरीका के प्रधानमंत्री ने अपने विदेश मंत्री से कहा जरा भारत जाकर देखो कि कौन सी अच्छी वस्तु है। उनके साथ अन्य और कई मंत्री फौरन चलने को तैयार हो गये।
एक बार कि बात है की अमरीका के प्रधानमंत्री ने अपने विदेश मंत्री से कहा जरा भारत जाकर देखो कि कौन सी अच्छी वस्तु है। उनके साथ अन्य और कई मंत्री फौरन चलने को तैयार हो गये।
पहले मेरी हल्दी-धनिया तथा अन्य मसालों की दुकान थी। हल्दी नाक में घुसती थी, मिर्च आंखों को जलाती रहती थी और मैं सदा दुखी रहता था। आमदनी भी कुछ खास नहीं थी। दुकान चलती ही नहीं थी तो आमदनी कहां से होती?
गिरधारी लाल, अमीर होने के बावजूद अपने मुहल्ले के सबसे कंजूस व्यक्ति थे। उनकी कंजूसी की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी। कंजूस तो वे इतने थे कि कंजूस की उपाधि भी उनके सामने फीकी पड़ती थी।
बहुत पहले की बात है। उन दिनों चीन की दीवार का निर्माण जोरों पर था। पुसान वंश का सम्राट शिह हुआंग बहुत दुष्ट था। दीवार के निर्माण के लिए उसने जबरन गांवों से अनेक किसानों को बुलवा लिया था।
बहुत पुरानी बात है। हमारे गांव में एक सज्जन रहते थे, नाम था उनका मुंशी सजधज लाल, जैसा नाम था, वैसा ही काम भी था, मुंशी जी घर से बाहर जब भी निकलते, तब रेशमी कुर्ता, साफ सुथरी धोती पहनते।
किसी गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था। बह 50 बीघा जमीन का मालिक था। उसका एक खेत मुख्य सड़क के किनारे पर था। उस खेत की फसल की रखवाली वह स्वयं करता था।
गोटू और मोटू जोकर थे। और वे डंबो सर्कस में काम करते थे। वे दोनों अच्छे मित्र थे। गोटू बहुत लंबा और पतला था, जबकि मोटू छोटा व मोटा था। एक दिन गोटू और मोटू सर्कस में करतब दिखा रहे थे।