Stories Moral Story: गधे की स्वर्ग यात्रा एक गधा रोज सुबह-सुबह भगवान से कामना करते हुए कहा करता था "हे भगवान! मुझे इस धोबी से बचाओ। इसने मुझपर बोझा लाद-लादकर, मेरा कचूमर निकाल दिया है।" इसी प्रकार, रोज वह गधा भगवान का ध्यान किया करता था। By Lotpot 02 Apr 2024
Stories Moral Story: वृद्ध दम्पत्ति की चतुराई किसी गांव में जमुना प्रसाद और रूकमणी देवी नामक एक वृद्ध दम्पत्ति रहते थे। उनका एकलौता पुत्र बिरजू शहर में नौकरी करता था। बिरजू बार-बार उन दोनों को गांव की जमीन बेच कर शहर आ जाने के लिए कहता रहता। By Lotpot 01 Apr 2024
Stories Moral Story: राजा महेंद्र का अद्भुत न्याय बहुत समय पहले की बात है। काशीपुर में महेंद्र नामक एक राजा रहते थे। राजा महेंद्र की न्याय प्रियता दूर-दूर तक फैली हुई थी दूसरे देश के लोग भी राजा महेंद्र के पास फैसला करवाने के लिए आते थे। By Lotpot 30 Mar 2024
Stories Moral Story: धूल में लिपटा हीरा रामपुर के सेठ रामलाल, बहुत ही समझदार दानी व नेकदिल इन्सान थे। इस कारण गाँव के सभी लोग उनको चाहते थे। एक दिन, उनके एक दरबान ने आकर, उनको यह खबर दी कि, कुछ दिन पहले, गांव में एक पहुंचे हुए महात्मा पधारे हैं। By Lotpot 29 Mar 2024
Stories Moral Story: पुरस्कार की सार्थकता सरिता के पिता का देहान्त कब हुआ था, उसे नहीं पता। उसे तो अपने पिता की छवि तक याद नहीं। वह तो बस मां को जानती और पहचानती थी। मां ही उसे बड़ी कठिनाई से पढ़ा रही थी। By Lotpot 21 Mar 2024
Stories Moral Story: गुरू गिलहरी घर-बार और राज-परिवार छोड़कर सिद्धार्थ ने सत्य की खोज में स्वयं को समर्पित कर दिया, तो स्वाभाविक ही था कि अनेकों कष्ट, कठिनाईयों से मुकाबला करना पड़ा। By Lotpot 19 Mar 2024
Stories Moral Story: प्रायश्चित एक यवन राजा स्वामी रामानन्द जी के पास अक्सर आता था। वह बड़े सोच में था कि प्रायश्चित से किस प्रकार मन की शुद्ध हो जाती है? एक दिन उससे न रहा गया। By Lotpot 18 Mar 2024
Stories Moral Story: एक गोल दामोदर जैसे ही हाकी लेकर मैदान में घुसा, असलम तेजी से उसके पास आकर बोला “खिलाड़ी तो पूरे हैं, तुम बाहर बैठो।” दामोदर चुपचाप मैदान के बाहर आ गया। उसकी बड़ी इच्छा थी कि कालेज टीम के चयन के लिए हो रहे हॉकी मैचों में वह भी खेले। By Lotpot 16 Mar 2024
Stories Moral Story: माँ का ऋण किसी नगर में एक विधवा रहती थी। उसका बारह वर्ष का एक लड़का था। बड़ा ही होनहार और कुशाग्र बुद्धि मां चाहती थी 'मेरा बेटा पढ़-लिखकर खूब नाम कमाये।' इसलिए उसे एक अच्छी पाठशाला में पढ़ने के लिए भेज दिया। By Lotpot 15 Mar 2024