Stories Motivational Story: माँ तुझे शत-शत प्रणाम कहते हैं ईश्वर हर जगह स्वंय भौतिक रूप में नहीं रह सकते अतः उन्होने माँ बनाई। माँ के कदमों में जन्नत होती है। ‘माँ’ शब्द में सारे संसार का स्नेह छलकने लगता है। उसके दरबार में सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। By Lotpot 24 Dec 2023
Positive News Positive News: सिर्फ तीस सेकंड में गन्दा पानी होगा साफ जल प्रदूषण के गहराते संकट से उबरने के लिए भारतीय वैज्ञानिक शोध करते जा रहे हैं, भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्था के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक खोजी है जो सिर्फ तीस सेकंड में गंदे पानी को साफ करके उसे पीने योग्य बना देती है। By Lotpot 23 Dec 2023
Comics Motu Patlu E-Comics: मोटू पतलू और शॉवर स्नान गर्मी का मौसम चल रहा था, लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो रहा था। मोटू पतलू भी गर्मी से काफी परेशान थे, मोटू ने पतलू से बोला कि पतलू भाई मन तो ऐसा कर रहा है कि किसी 5 स्टार होटल में जा के नहाऊं और वहीं रहूँ। By Lotpot 23 Dec 2023
Comics Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और पथरीला एक दिन शाम को नटखट नीटू और टीटा दोनों खेलने जा रहे थे कि तभी रास्ते में चलते चलते उन लोगों को बहुत तेज़ तेज़ आवाज़ आने लगती है, और फिर धरती भी हिलने लगती है। नीटू बोलता है कि लगता है कोई भारी वस्तु पृथ्वी से टकराने वाली है। By Lotpot 23 Dec 2023
Stories Moral Story: योग्य विश्वामित्र विश्वामित्र ने ऋषि, महर्षि और उसके बाद राज ऋषि तक की उपाधि पा ली थी, मगर कोई उन्हें महाऋषि का दर्जा नहीं दे रहा था। जब भी कहीं ऐसी कोई चर्चा चलती, उन्हें यही सुनने को मिलता कि महाऋषि तो वशिष्ठ हैं। By Lotpot 23 Dec 2023
Health Health: कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ है। यह स्वाभाविक रूप से "बुरा" नहीं है। आपके शरीर को कोशिकाओं के निर्माण और विटामिन और अन्य हार्मोन बनाने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। लेकिन बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल समस्या पैदा कर सकता है। By Lotpot 23 Dec 2023
Stories Motivational story: जोखिम बिना जीवन विख्यात साहित्यकार मार्क ट्वेन की प्रसिद्ध उक्ति है, ‘आज से बीस साल बाद आप उन चीजों से ज्यादा मायूस होंगे जो आपने नहीं कीं, बजाय उन चीजों के जो आपने की हैं। इसलिए सारे सहारे फेंक दें, सुरक्षित किनारों को छोड़ दें। By Lotpot 23 Dec 2023
Stories Motivational Story: तिरंगे का सम्मान स्वतंत्रता दिवस का एक दिन शेष था। विद्यालय में बच्चों ने दिनभर 15 अगस्त के कार्यक्रमों की तैयारी की। शशांक भी पूरे दिन की तैयारी से थक कर लौटा था। सोते समय वह माँ से कहने लगा- ‘माँ! मैं सोने के लिए जा रहा हूँ। By Lotpot 23 Dec 2023