Public Figure: अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार विजेता डाॅ. अमर्त्य सेन
हमारी ज़िंदगी में प्रेरणा कब और कैसे आती है यह किसी को पता नहीं चलता। अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवंबर 1933 में कोलकाता के शांतिनिकेतन में हुआ था। वह एक मशहूर अर्थशास्त्री है।
हमारी ज़िंदगी में प्रेरणा कब और कैसे आती है यह किसी को पता नहीं चलता। अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवंबर 1933 में कोलकाता के शांतिनिकेतन में हुआ था। वह एक मशहूर अर्थशास्त्री है।
एक दिन एक राजा शहर की तरफ जा रहा था। रास्ते में वह एक किसान से मिला और अपनी प्रजा के लिए चिंतित रहने वाले राजा ने उस किसान से पूछा कि वह कितना कमा लेता है? उस किसान ने उत्तर दिया, ‘महाराज, मैं एक दिन में चार सिक्के कमा लेता हूं।’
एक दिन आसमान में कुछ पक्षी भी उड़ रहे थे। उन्होंने अपने बीच लाल पतंग को उड़ते देखा तो दोस्ती करने उसके पास आ गए। ‘हटो-हटो, दूर हटो। मेरे नजदीक नहीं आना। वरना मैं तुम्हें गिरा दूंगी।’
तीन भाई थे जिनके नाम नीले, पीले और लाली थे, वह तीनों तितली थे। वह तीनों सबसे सुंदर तितलियां थे और एक दूसरे के सबसे अच्छे मित्र भी थे। उनकी माँ रंगबिरंगी ने उन्हें सारी बातें सिखाई थी।
चंपक वन में चीकू बन्दर, मीकू खरगोश और नीटू लोमड़ की बहुच चर्चा थी। चंपक वन के निवासी जानवर उनकी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे। वन में कोई विद्यालय नहीं था। अतः वे तीनों पड़ोस के वन में पढ़ने जाया करते थे।
खोंसा अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है। इसके उत्तर में म्यांमार है तो दक्षिण में नागालैंड असम है। यह नेक्टे और वानचु जनजातियों की निवासस्थली है।