जंगल की कहानी: चोर की दाढ़ी में तिनका
एक घने जंगल में सभी जानवर मिलजुल कर रहते थे। एक दिन, जंगल के राजा शेर सिंह ने घोषणा की कि अगले पूर्णिमा की रात को एक भव्य उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें सभी जानवर अपनी-अपनी पसंदीदा वस्तुएं लाकर साझा करेंगे।
एक घने जंगल में सभी जानवर मिलजुल कर रहते थे। एक दिन, जंगल के राजा शेर सिंह ने घोषणा की कि अगले पूर्णिमा की रात को एक भव्य उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें सभी जानवर अपनी-अपनी पसंदीदा वस्तुएं लाकर साझा करेंगे।
एक गहरे कुएं में गंगाधर नाम का एक मेंढ़क अपने परिवार के साथ रहता था। उसके परिवार में कुल 12 सदस्य थे, और वह परिवार का मुखिया था। गंगाधर का जीवन संघर्षों से भरा था
यों तो आठवीं कक्षा के सभी बच्चे एक से बढ़कर एक थे, जिसे देखों कोई न कोई शरारत करता रहता था, पर अतुल तो पूरी कक्षा में पहले स्थान पर आता था ।
एक बार, जैष्ठदेवी (गरीबों की देवी) और लक्ष्मी जी (धन की देवी) के बीच यह चर्चा छिड़ गई कि कौन ज्यादा सुंदर है। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों इसे सुलझाने के लिए धरती पर एक व्यक्ति की राय लेना चाहती थीं।
पतझड़ का मौसम अपने अंतिम चरण में था। जंगल के हर कोने में हलचल थी। सभी जानवर और कीड़े-मकोड़े सर्दियों के लिए अपने भोजन का भंडारण कर रहे थे। पक्षी पत्तियों से गिरे बीज उठा रहे थे,
एक घने जंगल में, दो उल्लू एक पुराने पेड़ की मोटी डाल पर आ बैठे। दोनों उल्लू अपने-अपने शिकार को पकड़े हुए थे। पहले उल्लू के मुँह में एक फुफकारता हुआ साँप था, जो उसके सुबह के नाश्ते के लिए लाया गया था।
जंगल का एक कोना हमेशा शांत रहता था। यहां ऊँचे-ऊँचे पेड़, मीठे झरने, और पक्षियों की चहचहाहट का साम्राज्य था। इसी जंगल में एक छोटी सी चींटी रहती थी, जिसका नाम मिठू था।