आनंदपुर का साहसी हीरो
आनंदपुर, एक हरा-भरा और खुशहाल शहर था, जहां लोग सुख-शांति के साथ रहते थे। इसी शहर में वीरू नाम का एक साहसी और मददगार लड़का था, जिसे सभी लोग पसंद करते थे।
आनंदपुर, एक हरा-भरा और खुशहाल शहर था, जहां लोग सुख-शांति के साथ रहते थे। इसी शहर में वीरू नाम का एक साहसी और मददगार लड़का था, जिसे सभी लोग पसंद करते थे।
यह कहानी राजा मानसिंह और उनकी महारानी के कीमती हार की है, जो अचानक गायब हो जाता है। राजा ने इसे ढूंढने की जिम्मेदारी अपने चतुर दरबारी, चतुर सिंह को दी। चतुर सिंह ने गधे की पूंछ पर इत्र लगाकर सभी सेवकों को उसे पकड़ने का निर्देश दिया।
इस कहानी में एक नन्हे विज्ञानी राहुल की यात्रा को दिखाया गया है जो अपनी जिज्ञासा और तकनीकी ज्ञान के बल पर अपने स्मार्ट शहर को बचाता है। राहुल की कहानी से बच्चे सीख सकते हैं
भारत के किसी प्रान्त में एक गांव था, उस गांव के आस पास 10 कि.मी तक कोई अस्पताल नहीं था। जब भी कोई बीमार पड़ता उसका एक मात्र सहारा गांव के हकीम ही थे।
एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं।
रहमत की ऊंटनी उसके लिए मरूस्थल का जहाज थी। वह एक छोटा व्यापारी था जो राजस्थान के एक गांव में रहता था उस का कारोबार अच्छा चल रहा था और उसने कुछ धन भी इकट्ठा कर लिया था।
एक बार एक सज्जन पुरूष दिल्ली से अम्बाला जा रहे थे। दिसम्बर का महीना था और जनाब थे भी मोटर साईकिल पर सवार। अगर एक मुसीबत हो तो भुगत ली जाये लेकिन यहाँ मुसीबतें थी।