हिंदी जंगल कहानी: मुर्गाबी, कौआ और बुद्धिमान उल्लू
जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया।
जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया।
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
मुर्खानंद गधे ने जब होटल खोला, तो जंगल के जानवरों को बड़ा आश्चर्य हुआ। कारण वे सभी यह अच्छी तरह जानते थे कि गधे जी होटल नहीं चला पाएँगे। भला अनपढ़ भी किसी काम का होता है।
एक दिन की बात है, लूसी लोमड़ी को आसपास कहीं भोजन नहीं मिला तो वह घने जंगल में पहुंच गई। कुछ दूर पर उसे अपना शिकार दिखाई दिया जिसे खाने के लिए वह आगे बढ़ रही थी कि अचानक वहां एक शेर आ गया।
एक चिंटू नाम का बंदर था। वह बहुत शरारती और नटखट था। उसके कारण जंगल के सारे जानवर बहुत परेशान रहते थे। शरारत करने के बाद वो अपने आपको इस चालाकी से बचा लेता कि कोई उसे कुछ कह भी ना पाता।