हिंदी जंगल कहानी: चूहे के गले में घंटी निशु चूहे से बिल्लियां अब डरने लगीं थीं। निशु ने काम ही ऐसे किए थे। उसने कई बार बिल्लियों की गुदगुदी की थी कबड्डी खेलने की कोशिश की थी, और उनकी आंखों में धूल झोंक दी थी। और हर बार वह बच निकला था। By Lotpot 17 May 2024 in Stories Jungle Stories New Update चूहे के गले में घंटी Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी जंगल कहानी: चूहे के गले में घंटी:- निशु चूहे से बिल्लियां अब डरने लगीं थीं। निशु ने काम ही ऐसे किए थे। उसने कई बार बिल्लियों की गुदगुदी की थी कबड्डी खेलने की कोशिश की थी, और उनकी आंखों में धूल झोंक दी थी। और हर बार वह बच निकला था। एक बार तो वह काफी देर तक मोटी ताजी बिल्ली की पीठ पर सवार होकर उसके पंजो और दांतो से बचता रहा और बिल्ली के थक जाने पर आराम से अपने बिल में चला गया। अंत में सब बिल्लियों ने एक सभा की 'इस चूहे की शैतानियां बढ़ती ही जा रही हैं, एक बिल्ली ने बात प्रारंभ की, पहले तो यह हमारे हमलों से बचता था, अब यह हम पर ही हमले करने लगा है, कहकर उसने अपनी खोपड़ी दिखाई, "यह देखो, आज भरी दोपहर में उसने बड़ी दीवार के ऊपर से मेरे सिर पर एक बड़ा पत्थर लुढ़का दिया"। (Jungle Stories | Stories) "कहीं यह शैतान हम सबको बारी-बारी से मार न डाले"। एक पतली बिल्ली ने कांपते हुए कहा, "यह चूहा नहीं कसाई है। वह चूहा ही है, एक सुलझी हुई बिल्ली ने कहा, "कसाई तो उसके लिए हम हैं। हम उसे पकड़ने की कोशिश छोड़ दें तो वह भी हमें तंग नहीं करेगा"। "क्यों न हम उससे कोई समझौता कर लें" एक पेटू बिल्ली ने कहा, "हम उसे कुछ न कहें और वह हमें परेशान न करे"। "मगर न तो वह हमारा विश्वास करेगा और न हम इस लायक हैं कि कोई चूहा हम पर विश्वास करे"। मोटी बिल्ली बोली, "उसका तो एक ही उपाय है"। (Jungle Stories | Stories) "क्या?" सबने पूछा। "उसके गले में घंटी बांध दी जाए"। "वाह! यह तो हमने सोचा भी नहीं था"। "मगर घंटी हममें से कौन बिल्ली बांधेगी?" समझदार बिल्ली ने पूछा तो सब चुप हो गईं। सभा बगैर किसी फैसले के समाप्त हो गई, क्योंकि एक दूसरे को डरपोक कहने के कारण कुछ बिल्लियां लड़ पड़ी थीं। अगले दिन फिर सभा शुरू हुई तो एक बिल्ली ने कहा, "सुबह कोई चूहा मेरे घर के बाहर एक पत्र छोड़ गया था। मैं वह पत्र पढ़कर सुना रही हूं"। (Jungle Stories | Stories) सब बिल्लियां हैरान होकर सुनने लगीं। "मैं निशु चूहे का पड़ोसी इशु चूहा हूं, कुछ दिन से निशु मुझे भी बहुत तंग कर रहा है। शायद उसे घमंड हो... सब बिल्लियां हैरान होकर सुनने लगीं। "मैं निशु चूहे का पड़ोसी इशु चूहा हूं, कुछ दिन से निशु मुझे भी बहुत तंग कर रहा है। शायद उसे घमंड हो गया है कि वह जब बिल्लियों से नहीं डरता तो चूहों से क्यों डरे। उसने मेरे घर की बहुत सी जगह भी छीन ली है। कल मैं घर लौट रहा था तो मैंने आप सब बिल्लियों की बातें सुन ली थीं। मैं निशु के गले में घंटी बांध सकता हूं। मगर एक शर्त है"। इतना पढ़कर बिल्ली रूकी। "आगे क्या लिखा है?" सबने पूछा। "लिखा है, शर्त यह है कि आप सब बड़ी चट्टान के पीछे छिप कर बैठें और सामने के पेड़ के नीचे निशु को घंटी पहने हुए अपनी आंखों से देखे जाने से पहले आप मेरा इनाम एक सौ रूपए चट्टान के पीछे वाले पत्थर पर रख जाएं"। हैं! सौ रूपए तो ज्यादा हैं, एक बिल्ली बड़बड़ाई सुन तो लो आगे कया लिखा है"। (Jungle Stories | Stories) आगे लिखा है, निशु अंधविश्वासी है। मैं उसे कहूंगा कि अगर वह घंटी वाली माला सदा के लिए पहन लेगा तो गणेश जी की कृपा से उसे कभी कोई बिल्ली नहीं पकड़ सकती अगर वह घंटी पहन कर अगले मंगलवार को चट्टान के सामने वाले पेड़ के नीचे आँखें बंद करके गणेशजी का जाप करेगा तो ही उसे फल मिलेगा। अंत में लिखा था कि इशु अपना पूरा मकान भी निशु को दे देगा ताकि निशु उस पर शक न करे। इशु ने बिल्लियों को दिन और समय भी बता दिया था। मंगलवार को बिल्लियों ने बड़ी चट्टान के पीछे वाले पत्थर पर सौ रूपये रख दिए। वे वहीं बैठकर इंतजार करने लगीं कि निशु कब सामने वाले पेड़ की तरफ आता है। (Jungle Stories | Stories) कुछ ही देर में उनकी नजर निशु पर पड़ी जो घंटी पहनकर पेड़ की तरफ आ रहा था। सभी बिल्लियां चट्टान के पीछे छिपने को एक साथ लपकीं। मगर यह क्या! सभी घास के नीचे छिपे कीचड़ भरे गड्ढे में जा गिरीं। निशु ने ठहाका लगाया। वह आराम से पत्थर के पास पहुंचा। उसने सौ रूपए उठाए और कीचड़ में लथपथ होकर कूद रही बिल्लियों से बोला, "इशु बनकर पत्र मैंने ही लिखा था। इन सौ रूपयों से मैं अब बिल्लीदानी खरीदूंगा और तुम सबको एक साथ बंद करूंगा। तब तक सब यहां कबड्डी खेलो"। जब तक बिल्लियों ने गड्ढे से बाहर आकर आंखे साफ कीं, तब तक निशु बहुत दूर जा चुका था। "अब तो हमें यह इलाका ही छोड़ना पड़ेगा"। मोटी बिल्ली ने कहा, यह चूहा नहीं पूरा पहलवान है। (Jungle Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal kahania | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Mazedar Hindi Kahani | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | bachchon ki hindi comics | bachchon ki kahani | bachchon ki hindi kahani | bachchon ki hindi kahaniyan | short jungle story in hindi | hindi jungle stoy | kids jungle story | Hindi Jungle Stories | hindi jungle stories for kids | kids hindi jungle Stories | kids stories in hindi | Hindi Kids Stories | Jungle Hindi Stories | hindi stories | hindi stories for kids | best kids stories | best hindi jungle story | best jungle story in hindi | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | बाल कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी हिंदी कहानी | छोटी जंगल कहानी | बच्चों की जंगल कहानी | बच्चों की हिंदी जंगल कहानी | जंगल की कहानी | बेस्ट जंगल कहानी | बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी यह भी पढ़ें:- Jungle Story: बहादुर चुनमुन Jungle Story: बदलाव Jungle Story: बाज की उड़ान Jungle Story: दोस्ती की परीक्षा #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Mazedar Hindi Kahani #Hindi Kids Stories #Hindi Bal Kahani #Hindi Jungle Stories #Hindi Bal kahania #जंगल की कहानी #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi stories for kids #Jungle Hindi Stories #छोटी कहानी #kids hindi jungle Stories #बच्चों की जंगल कहानी #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #hindi jungle stories for kids #हिंदी जंगल कहानी #बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी #बच्चों की हिंदी जंगल कहानी #छोटी हिंदी कहानियाँ #bachchon ki hindi comics #bachchon ki kahani #bachchon ki hindi kahani #bachchon ki hindi kahaniyan #short jungle story in hindi #hindi jungle stoy #kids jungle story #kids stories in hindi #best kids stories #best hindi jungle story #best jungle story in hindi #छोटी जंगल कहानी #बेस्ट जंगल कहानी You May Also like Read the Next Article