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मुर्गाबी, कौआ और बुद्धिमान उल्लू
हिंदी जंगल कहानी: मुर्गाबी, कौआ और बुद्धिमान उल्लू:- जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया। फिर घोंसले को देखते हुए बोला ‘अब अंडे देने के लिए घोंसला तैयार है’। (Stories | Jungle Stories)
तभी उसने देखा कि नीचे की एक डाल पर एक मुर्गाबी एक अन्य प्रकार का घोंसला बना रही है। उसने डाल पर कुछ...
तभी उसने देखा कि नीचे की एक डाल पर एक मुर्गाबी एक अन्य प्रकार का घोंसला बना रही है। उसने डाल पर कुछ छोटी टहनियां बिछाई थीं और उन पर गीली मिट्टी का लेप किया था मुर्गाबी ने बड़ी मेहनत से अपने घोंसले को सुन्दर बनाया था। बना हुआ घोंसला एक सुन्दर गोल कटोरे की भांति लग रहा था चिड़िया को भरोसा था कि इसमें सुविधा पूर्वक अंडे दिये जा सकते हैं। उसे यह भी विश्वास था कि अंडों से जब बच्चे निकलेंगे तो उन्हे अपना सुन्दर घर देख कर बहुत खुशी होगी।
मुर्गाबी ने कौए से कहा, ‘घोंसला करीब करीब बन चुका है लेकिन अभी एक कोने में लिपाई और करने की आवश्यकता है’। (Stories | Jungle Stories)
कौए ने इसे अनावश्यक समझा। वह बोला, ‘मैं घोंसला बनाने पर इतना समय नहीं लगाता अंडे देने के लिए एक ऐसी जगह चाहिए जहां बिल्ली न पहुंच सके। और बच्चों ने कोई हमेशा इस घोंसले में रहना नहीं है। कुछ दिन बाद वे उड़ जाएंगे। मेरे हिसाब से कुछ सूखी टहनियां और बीच में सूखी घास घोंसले के लिये काफी है। ज्यादा समय लगाना अनावश्यक है’। पर मेरी सोच अलग है मुर्गाबी ने कहा, ‘मेरी कोशिश यह है कि मेरा घोंसला सुन्दर भी हो और आरामदायक भी चाहे इसे बनाने में कितना भी समय लगे या परिश्रम करना पड़े’।
बुद्धिमान उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था उससे नहीं रहा गया और कहने लगा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नवजात बच्चे कितने समय तक घोंसले में रहेंगे। घोंसला सभी प्रकार से पूरा होना चाहिए। जो भी काम हम करें, हमें पूरे प्रयास से उसे सुन्दर बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। अपनी सुन्दर रचना देखकर आपको सदैव एक अद्भुत खुशी महसूस होगी’।
यह कहकर उल्लू उड़ गया और कौआ और मुर्गाबी उसके कथन पर विचार में लग गये। (Stories | Jungle Stories)