Motivational Story: जानवर
आधी छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे अपना अपना बस्ता उठा कर पार्क की ओर भागे। कुछ स्कूल कैन्टीन में चले गए। इन बच्चोें में एक बच्चा ऐसा भी था, जो सबसे अलग जा रहा था। जब वह खाना नहीं लाता था।
आधी छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे अपना अपना बस्ता उठा कर पार्क की ओर भागे। कुछ स्कूल कैन्टीन में चले गए। इन बच्चोें में एक बच्चा ऐसा भी था, जो सबसे अलग जा रहा था। जब वह खाना नहीं लाता था।
पूरे गांव में रामप्रताप के नाम का डंका बजता था। वह उस गाँव का का जाना माना सेठ था। रोशनलाल उनका इकलौता बेटा था। उन्होने अपने पुत्र का नाम रोशन रखा था क्योंकि वे चाहते थे कि बड़ा होकर वह उनका नाम रोशन करे।
एक शिव मन्दिर था अनेक शिव भक्त उस मन्दिर में प्रातः काल आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना किया करते। नवल और रूचिर दो सगे भाई थे। नवल को खाने पीने का काफी शौक था वह खाता भी ज्यादा था सब उसे पेटू कहा करते।
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया। कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये। हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल खराब हो जाये।
एक पिता अपनी चार वर्षीय बेटी मिनी से बहुत प्रेम करता था। ऑफिस से लौटते वक्त वह रोज़ उसके लिए तरह-तरह के खिलौने और खाने-पीने की चीजें लाता था। बेटी भी अपने पिता से बहुत लगाव रखती थी।
एक छोटा लड़का अपने स्कूल की मैगजीन बेच रहा था और एक ऐसे घर पर पहुंचा जो बहुत पुराना और जर्जर था। इस घर में एक वृद्ध व्यक्ति रहता था जो न तो बाहर आता था और न ही पड़ोसियों से या आने-जाने वालों से कोई संबंध रखता था।
एक जाने-माने व्यक्ति ने अपने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी बात शुरू की। उसने सामने बैठे सैकड़ों लोगों से पूछा, "ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?" एक साथ कई हाथ उस नोट को लेने के लिए उठे।