Travel: सालासर के बजरंगबली
राजस्थान के काण-कण में भक्ति भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। भगवान भी भक्तों के होकर विभिन्न रूपों में विभिन्न स्थानों पर अपना चमत्कार और साक्षात्कार दोनों ही दिखाते रहते हैं।
राजस्थान के काण-कण में भक्ति भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। भगवान भी भक्तों के होकर विभिन्न रूपों में विभिन्न स्थानों पर अपना चमत्कार और साक्षात्कार दोनों ही दिखाते रहते हैं।
भारत के ज्यादातर प्राचीन मंदिर छठी से 16वीं सदी के बीच बने हैं। छठी सदी से पहले के निर्मित मंदिर बहुत कम मिलते हैं। ऐहोल का लड खान मंदिर, जो मूल रूप से शिव का मंदिर है, का निर्माण काल 450 ईसवीं बताया जाता है।
राजस्थान के महराजा उदय सिंह ने सन् 1559 में उदयपुर नगर बसाया था। महराजा ने 1567 में इसे मेवाड़ की राजधानी बनाया। उदयपुर शहर में हमें मार्बल के महल तथा पहाड़ों की एक कतार के साथ झीलें ही झीलें दिखलाई पड़ती हैं।
गंगटोक नाम का अर्थ है "पहाड़ी की चोटी।" अत्यधिक आकर्षक, आनंददायक बादलों से घिरा - सिक्किम की राजधानी गंगटोक भी आपको दूर क्षितिज पर माउंट कंचनजंगा का शानदार दृश्य दे सकता है।
श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल पर्यटकों को खूबसूरत नजारे देखने का मौका देता है। अगर आप प्राकृतिक के दीवाने है और हिमालय की खूबसूरती को खोजना चाहते है तो इस क्षेत्र में जरूर जायें।
उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम ऋषि सांदीपनि की तप स्थली है। यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी। इसी स्थान पर महर्षि सांदीपनि ने वेद, पुराण, शास्त्रादि की शिक्षा हेतु आश्रम का निर्माण करवाया था।
भारत मंदिरों का देश है। देश विदेश से पर्यटक भारत के प्राचीन मंदिरों को देखने आतें है। भारतीय धर्मों (सनातन, हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म, जैन) के पूजा, अर्चना उपासना स्थल को मंदिर कहते हैं।