शेफर्ड बैरोन और श्रीनिवास रामानुजन ना होते तो एटीएम ना होता
आज ATM हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। लेकिन एटीएम जैसी मशीन की कल्पना किसने की थी ? यह 1960 की बात है। प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले जॉन शेफर्ड-बैरोन के सारे पैसे खत्म हो गए थे, वो बैंक गया लेकिन थोड़ी देरी हो जाने से बैंक बंद हो गया और वो सप्ताह का अंतिम दिन था।