हंस और कछुए की दोस्ती: धैर्य की कहानी (The Swan and the Turtle: A Tale of Patience)
यह कहानी एक हंस और कछुए की दोस्ती की है, जो एक खूबसूरत तालाब में रहते थे। जब एक दिन सूखा पड़ता है, तो दोनों को मिलकर एक नई जगह ढूंढनी पड़ती है।
यह कहानी एक हंस और कछुए की दोस्ती की है, जो एक खूबसूरत तालाब में रहते थे। जब एक दिन सूखा पड़ता है, तो दोनों को मिलकर एक नई जगह ढूंढनी पड़ती है।
यह कहानी एक समझदार भालू, बलराम, की है, जो जंगल में अपने ज्ञान और चतुराई से मुसीबतों से निपटता है। जब शिकारी उसका पीछा करते हैं तो वह लॉजिक और साहस का इस्तेमाल कर अपनी जान बचाता है
"शेर की चालाकी और बैलों की एकता" कहानी में एक शेर चार बैलों की दोस्ती तोड़ने की कोशिश करता है। वह उनमें नफरत फैलाता है, लेकिन जब वह एक बैल पर हमला करता है, तो बाकी तीन उसकी मदद के लिए आते हैं।
किसी उपवन में चंपी मुर्गी रहा करती थी। उसका एक प्यारा-सा बेटा था। बर्फ जैसा उजला-उजला, सफेद-सफेद; नाम था उसका 'गब्बू।' गब्बू अभी छोटा था, अतः वह अक्सर घर पर ही रहा करता।
बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर हरा-भरा बाग था, जहाँ तरह-तरह के पक्षी रहते थे—तोता, मैना, तीतर, बटेर, कोयल, कबूतर, चिड़िया और उल्लू। उन सभी में उल्लू सबसे अलग था
एक सुंदर तालाब के किनारे नन्हा नाम का एक कछुआ रहता था। नन्हा का कवच बहुत मजबूत था, जो उसे हर खतरे से बचाता था। चाहे पानी में मछलियाँ हों या जंगल के जानवर, नन्हा का कवच उसकी जान की ढाल था।
"माँ का प्यार: चिड़िया की ममता की कहानी" में एक चिड़िया अपने चार बच्चों—चुनमुन, गुनगुन, फुरफुर और टुनटुन—के लिए बारिश में खाना लाने की हिम्मत करती है। तेज बारिश के बावजूद वह किसान के आँगन से अनाज लाकर