जंगल की कहानी: "नकल का फल"
क्या आपने कभी सोचा है कि हर किसी की अपनी पहचान होती है? और जब हम बिना समझे किसी की नकल (copying) करते हैं, तो उसका अजीब और मज़ेदार परिणाम भी हो सकता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि हर किसी की अपनी पहचान होती है? और जब हम बिना समझे किसी की नकल (copying) करते हैं, तो उसका अजीब और मज़ेदार परिणाम भी हो सकता है।
बहुत समय पहले की बात है, जब जंगलों में जानवर अपने-अपने तरीकों से जीवन जीते थे। यह कहानी है एक चतुर खरगोश (chatur khargosh story) की, जिसने अपनी बुद्धिमत्ता से न सिर्फ खुद को बल्कि पूरे जंगल को बचाया।
जंगल में रहने वाले जानवरों की अपनी-अपनी खूबियां थीं। कोई तेज था, कोई ताकतवर, तो कोई बहुत चतुर। लेकिन अगर सबसे चालाक जानवर की बात करें, तो वह था सियार।
जंगल में कई प्रकार के जानवर और पक्षी रहते थे, लेकिन सबसे शक्तिशाली और तेज़ उड़ान भरने वाला पक्षी था बाज (Baz ki Kahani)। अपनी ऊँचाई से शिकार करने की क्षमता के कारण बाज खुद को सबसे बड़ा और ताकतवर मानता था।
दूर-दूर तक फैले एक घने जंगल में (jungle stories), जहां हरियाली छाई रहती थी और पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी (forest tales), वहां 'ज्ञान का पेड़' नाम से प्रसिद्ध एक अद्भुत पेड़ था।
दूर एक घने और हरे-भरे जंगल में, जिसे ‘फ्रेंडशिप फोरेस्ट’ के नाम से जाना जाता था, विभिन्न प्रकार के जानवर आपस में खुशी और सामंजस्य के साथ रहते थे। इस जंगल की विशेषता थी उसके निवासी, जो एक-दूसरे के लिए हमेशा तैयार खड़े रहते थे।
गाँव के बाहर बने तालाब के किनारे एक घना जंगल था। वहीं पर खरगोशों का एक समूह रहता था। सभी खरगोश आपस में बहुत ही मेलजोल से रहते थे। अगर कभी किसी एक खरगोश को तकलीफ हो जाए तो अनेक साथी खरगोश उसकी देखभाल के लिए सदा तैयार रहते।