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आता है तो आने दो
मजेदार हिंदी कहानी: आता है तो आने दो:- गांव की एक औरत अपने लड़के को प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाना चाहती थी। उसका खुद का बचपन भी बड़े कष्टों में बीता था। उसका पति एक मजदूर था जो रोज कमाता और रोज खाता था। उन मां-बाप की एक ही उम्मीद थी, उनका पुत्र और वे यह भी जानते थे कि यह भी तभी होगा जब उसे अच्छी शिक्षा प्राप्त हो।
गांव के विद्यालय के अध्यापक जी एक और विघार्थी लेने को तैयार थे। फिर भी उन्होंने उन लोगों को एक सलाह दी, “बहुत अच्छा होगा...
गांव के विद्यालय के अध्यापक जी एक और विघार्थी लेने को तैयार थे। फिर भी उन्होंने उन लोगों को एक सलाह दी, “बहुत अच्छा होगा अगर लड़के के स्कूल शुरू करने से पहले एक गरीब या धर्मात्मा व्यक्ति को भोजन कराया जाये”। उसकी मां को इशारा समझ आ गया। बेटे की शिक्षा प्रारंभ करने से पहले शिक्षक को रात के खाने का न्यौता दे दिया गया। खाना बहुत साधारण था, सिर्फ चिकन करी, आलू और रोटी।
जब खाना परोसा जा रहा था तो शिक्षक महोदय ने पूछा, “अपनी इतनी थोड़ी कमाई में आप लोगों ने चिकन कैसे बना लिया”।
लड़के के पिता बोले, “हमने खरीदा नहीं है यह तो हमारे पड़ोसी का मुर्गा था जो हमारे आंगन में आ गया। यह तो अपने आप चल कर हमारे पास आया तो हमने उसे आपके भोजन के लिए पका लिया”।
यह सुनकर शिक्षक महोदय नाराज होकर बोले, “यह तो पाप है, मैं चोरी की चीज में भागीदार नहीं बनूंगा”। मां बहुत शर्मिन्दा हो गई, उन्होंने चुपचाप शिक्षक महोदय को आलू परोसे और अपने पति और बेटे की प्लेट में चिकन परोस दिया।
चिकन करी देखकर और उसकी खुशबू के कारण शिक्षक महोदय अपने आप को रोक न सके और बोले, “आप आलूओ में थोड़ी चिकन करी मिला दीजिए”।
लड़के की मां ने राहत की सांस ली। वे जैसे ही तरी डालने लगीं की चिकन का एक बड़ा सा टुकड़ा शिक्षक महोदय की प्लेट में सरक गया। वे चिकन का टुकड़ा वापिस उठाने लगीं तो शिक्षक महोदय बोले, “क्योंकि यह खुद चल कर आया है, इसलिए उसे रहने दीजिए”। बस यह सुन लड़के के मां बाप भी एक साथ बोल उठे, “मास्टर जी चिकन भी खुद चल कर आया था”। उसके बाद उन लोगों ने खूब जम कर खाना खाया। मां-बाप को यकीन हो गया था कि अब उनके लड़के को स्कूल में दाखिला अवश्य मिल जायेगा।