बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: इनाम का लालच बादशाह का दरबार लगा हुआ था, सभी दरबारियों के साथ बीरबल भी बैठे थे। तभी किसी ने आकर बीरबल को भोजन के लिए आमंत्रित किया, बादशाह की आज्ञा लेकर बीरबल दावत पर जा पहुंचे। By Lotpot 10 May 2024 in Stories Moral Stories New Update इनाम का लालच Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: इनाम का लालच:- बादशाह का दरबार लगा हुआ था, सभी दरबारियों के साथ बीरबल भी बैठे थे। तभी किसी ने आकर बीरबल को भोजन के लिए आमंत्रित किया, बादशाह की आज्ञा लेकर बीरबल दावत पर जा पहुंचे। दूसरे दिन बादशाह ने जानना चाहा कि दावत में कौन-कौन से व्यंजन शामिल किये गये थे? (Moral Stories | Stories) बीरबल एक एक व्यंजन गिनाने लगे कि तभी बादशाह को कोई आवश्यक काम आ पड़ा, बात बीच में हो अधूरी रह गई। कुछ दिनों बाद बादशाह बीरबल से बोले- "अजी उस दिन तुम दावत के व्यंजन गिना रहे थे। पर बात बीच में अधूरी रह गई थी। उसके बाद तुमने क्या खाया था?" बीरबल को कुछ याद न आ रहा था, पर वे तो हाजिर जवाब थे सो तपाक से बोल पड़े- "उसके बाद हुजूर मैंने कढ़ी खायी थी? बादशाह बीरबल की बुद्धिमत्ता पर खुश हो उठे उन्होंने अपने गले मे पड़ा मोतियों का हार उतार कर... बादशाह बीरबल की बुद्धिमत्ता पर खुश हो उठे उन्होंने अपने गले मे पड़ा मोतियों का हार उतार कर बीरबल को पहना दिया।दूसरे दिन दरबार में सभी लोग बैठे हुए थे तभी कुछ दरबारी सिर पर घड़ा उठाकर आते हुए नजर आये बादशाह बोले यह क्या है? (Moral Stories | Stories) दरबारी बोले- "आप के लिए हम कढ़ी लाए हैं। बादशाह बिगड़ते हुए बोले- "तुम लोगों से किसने कहा कि मुझे कढ़ी पसंद है? दरबारी बोले हुजूर! कल कढ़ी की बात सुनकर ही आपने बीरबल को मोतियों का हार इनाम मे दे डाला था। हम लोगों ने समझा कि आपको कढ़ी बेहद पसंद है? बादशाह और भी नाराज होते होए बोले- "बेवकफों! बगैर किसी बात को अच्छी तरह से समझे कभी कोई काम नहीं करना चाहिए जाओ, तुम सबको कैद की सजा दी जाती है?" बादशाह के लिए कढ़ी का घड़ा लाने वाले दरबारियों के समक्ष मुसीबत की घड़ी आ गई थी। वे बोले- 'हाय अल्लाह! इसी को कहते हैं आ बैल मुझे मार! इनाम का लालच हमें ले डूबा? वे सब बादशाह से माफी मांगते हुए बोले- जहांपनाह! इस बार माफ कर दें। आइंदा से ऐसी बेवकूफी कभी नहीं करेंगे। बादशाह ने उन सब को माफ कर दिया। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Moral Hindi Kahani | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | short stories for kids | short moral story | kids short stories | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi stories | kids moral stories in hindi | Kids Moral Stories | Kids Stories | hindi stories | hindi stories for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानी | हिंदी कहानियां | छोटी नैतिक कहानी | बच्चों की नैतिक कहानी | नैतिक कहानियाँ | छोटी नैतिक कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानियाँ | छोटी कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: क्या आपका ज्ञान सामान्य है Moral Story: राजकुमार और तीन पेड़ Moral Story: भगवान का जन्म Moral Story: आलस्य करने का फल #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Kids Moral Stories #Moral Hindi Kahani #Hindi Bal Kahani #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #hindi stories for kids #छोटी कहानियाँ #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids short stories #छोटी नैतिक कहानियाँ #नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #short moral story #छोटी नैतिक कहानी #बच्चों की नैतिक कहानी #नैतिक कहानी #kids moral stories in hindi #short stories for kids #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी You May Also like Read the Next Article