Moral Story: राजकुमार और तीन पेड़ धर्मपुर के राजा मंगलदेव बड़े ही प्रतापी थे। उनकी कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी। मंगलदेव हमेशा अपनी प्रजा के हित के बारे में सोचते रहते थे इसी कारण वहां की प्रजा उन्हें बहुत चाहती थी। मंगलदेव का एक पुत्र था बलवन्तदेव। By Lotpot 26 Apr 2024 in Stories Moral Stories New Update राजकुमार और तीन पेड़ Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story राजकुमार और तीन पेड़:- धर्मपुर के राजा मंगलदेव बड़े ही प्रतापी थे। उनकी कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी। मंगलदेव हमेशा अपनी प्रजा के हित के बारे में सोचते रहते थे इसी कारण वहां की प्रजा उन्हें बहुत चाहती थी। मंगलदेव का एक पुत्र था बलवन्तदेव। बलवन्तदेव की उम्र लगभग 79 वर्ष की थी, पर वह राज्य के किसी भी कार्य में अपने पिता का हाथ नहीं बंटाता था। बलवन्तदेव ज़िद्दी स्वभाव का राजकुमार था, दिन भर अपने अवारा मित्रों के साथ जंगल में शिकार करना और लोगों को परेशान करना ही उसका रोज का कार्य था। (Moral Stories | Stories) प्रजा अक्सर राजा के पास, बलवन्तदेव की शिकायत करने आती। मंगलदेव भी अपने पुत्र को लेकर परेशान रहते थे। उन्हें यह चिन्ता भी... प्रजा अक्सर राजा के पास, बलवन्तदेव की शिकायत करने आती। मंगलदेव भी अपने पुत्र को लेकर परेशान रहते थे। उन्हें यह चिन्ता भी सताती कि अगर राजकुमार का स्वभाव इसी तरह का रहा, तो उनके पश्चात राज्य का क्या होगा? एक दिन राज्य में एक ज्ञानी महात्मा पधारे। महात्मा के आदर सत्कार के पश्चात, मंगलदेव ने उन्हें अपनी परेशानी बताई। (Moral Stories | Stories) महात्मा बोले, "राजन! आप व्यर्थ में चिंता न करें, आपके पुत्र की समस्या बहुत ही साधारण है। आप कुछ दिनों के लिए उसे मेरे आश्रम में भेज दीजिए, मैं उसके स्वभाव को बदल कर उसे राजा बनने लायक बना दूंगा"। महात्मा की बात सुनकर राजा मंगलदेव बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने राजकुमार बलवंतदेव को महात्मा के साथ उनके-आश्रम भेज दिया। आश्रम में महात्मा ने, कुछ दिनों तक राजकुमार को व्यवहारिक शिक्षा दी। एक दिन वह राजकुमार को लेकर आश्रम के बगीचे में गए। बगीचे में तीन किस्म के पेड़ थे। पहला पेड़ बहुत छोटा था, दूसरा उससे कुछ बड़ा और तीसरा विशाल-वृक्ष था। तीनों पेड़ों की ओर इशारा कर महात्मा ने राजकुमार से कहा, इन तीनों को बारी-बारी से उखाड़ कर बगीचे के बाहर फेंक आओ। (Moral Stories | Stories) राजकुमार ने तुरंत आदेश का पालन किया। उसने एक ही झटके में सबसे छोटे पेड़ को उखाड़ कर बगीचे के बाहर फेंक दिया। थोड़ी सी ताकत लगाकर उसने दूसरे पेड़ को भी उखाड़ कर फेंक दिया, परन्तु जब तीसरे विशाल पेड़ को उखाड़ने की बारी आयी, तो राजकुमार के काफी प्रयास के बावजूद भी पेड़ टस से मस नहीं हुआ। थक-हार कर राजकुमार महात्मा के पास, लौट आया। महात्मा ने राजकुमार को समझाया, "राजकुमार, मनुष्य के दुर्गुण भी इन तीनों के समान होते हैं। छोटी अवस्था में अर्थात बचपन में तो इन दुर्गुणों को शरीर के बाहर किया जा सकता है, परन्तु जब मनुष्य बड़ा हो जाता है तो इन दुर्गुणों को दूर करना उतना ही कठिन हो जाता है जितना कि इस विशाल वृक्ष को उखाड़ फेंकना। जिस प्रकार पेड़ के बढ़ने से उसकी जड़ें जमीन के अंदर तेजी से फैलने लगती हैं, उसी तरह जैसे-जैसे मनुष्य की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके शरीर की बुराइयां भी सारे शरीर में फैलने लगती हैं। अत: मनुष्य को चाहिए कि इन दुर्गुणों और बुराइयों का त्याग वह बचपन में ही कर दे। महात्मा की बात का आशय राजकुमार तुरंत समझ गया और उसने उसी दिन से अपने अंदर की सारी बुराइयों का त्याग करना शुरू कर दिया। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | short moral story | kids short stories | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi moral story | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi stories | Kids Moral Stories | Kids Moral Story | Kids Stories | Moral Stories for Kids | Hindi Moral Stories | Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानी | शिक्षाप्रद कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ | हिंदी नैतिक कहानी यह भी पढ़ें:- Moral Story: समय का मूल्य Moral Story: कहानी मूर्खा की Moral Story: धूल में लिपटा हीरा Moral Story: ईर्ष्या का फल #Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Kids Moral Story #Moral Stories for Kids #शिक्षाप्रद कहानी #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids hindi moral story #kids short stories #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #short moral story You May Also like Read the Next Article