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मन की बात
हिंदी जंगल कहानी: मन की बात:- कालू भालू बहुत ही साधारण दिखने वाला भालू था। उसके पिता मालू भालू जंगल में व्यापार करते थे, एक बार वे बहुत ही बीमार हो गए। तब व्यापार चलाने के लिए कालू को जाना पड़ा। जब कालू चलने लगा तो मालू ने समझाया, “बेटा, आज से तुम कारोबार संभाल रहे हो, यह एक अच्छी बात है। मगर 3 बातें हमेशा याद रखना”। (Jungle Stories | Stories)
“कौन-कौन सी, पिताजी?” कालू ने पूछा।
“पहली तो यह कि एक रुपए का लाभ व्यापार में मायने रखता है। इसलिए अच्छा मोल भाव करके ही खरीदारी करना। दूसरी, समझदार की सलाह सुनना, लेकिन उस पर अमल अपनी समझ से करना। तीसरी, दिन डूबने से पहले घर लौट आना”।
पिता की इन बातों के जवाब में 'हां' कह कर कालू मंडी की ओर चल दिया। वहां उसने कई जानवरों की दुकानों में...
पिता की इन बातों के जवाब में 'हां' कह कर कालू मंडी की ओर चल दिया। वहां उसने कई जानवरों की दुकानों में चीज़ें देखीं। एक जगह बात बनी। उसने मीठे बेरों से भरा एक बोरा तुलवाया और उसे अपने गधे की पीठ पर रखकर खुद पैदल वापस घर की तरफ चल दिया।
रास्ते में एक लोमड़ी मिली जिसने उससे पूछा, “जब तुम्हारे पास तुम्हारा गधा है, तब पैदल क्यों चल रहे हो?” (Jungle Stories | Stories)
कालू ने कहा, “अजीब बात करते हो। गधे की पीठ पर बोरा लदा है। मैं उस पर कैसे बैठ सकता हूं?”
“बैठ क्यों नहीं सकते? दूसरे बोरे में इतने ही वजन के पत्थर भर लो। फिर दोनों बोरे गधे के दोनों ओर लटका दो। इस तरह लदा हुआ वजन दोनों ओर बराबर रहेगा और पीठ पर तुम भी बैठ जाओगे”।
कालू ने बिना सोचे उस लोमड़ी की बात मान ली और वैसा ही किया। (Jungle Stories | Stories)
कुछ आगे जाने पर कालू को एक भेड़िया मिला। उसने उसको सुना कर कहा, “अजीब बेवकूफ हो, अपने दोस्त गधे पर पत्थर लाद लिए हैं और खुद भी बैठकर जा रहा है। तुम्हे अपने दोस्त पर जरा भी दया नहीं आती”।
यह सब कहकर भेड़िया आगे बढ़ गया। पर कालू सोचने लगा, 'वह ठीक ही कह रहा है। इस तरह गधा थक जाएगा। मैं भी सूर्य डूबने से पहले घर नहीं पहुंच सकूंगा'।
काफी सोच विचार के बाद कालू ने पत्थरों को फेंक दिया। फिर बेरों को 2 बोरों में बराबर-बराबर बांट कर गधे के दोनों ओर लटका दिया। इससे वजन कम हो गया तो कालू का गधा भी बहुत खुश हो गया उसने कालू को अपनी पीठ पर बिठाया और उसे सरपट लेकर शाम होने से पहले ही उसके घर पहुंच गया। उस दिन कालू ने यह सबक सीखा कि सुनो सब की, पर करो अपने मन की। कालू ने इस सिद्धांत पर अमल करना भी शुरू कर दिया। (Jungle Stories | Stories)
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