हिंदी नैतिक कहानी: कुशल शासक राजा प्रद्युम्न एक अत्यंत कुशल शासक थे, उनके मंत्री बहुत योग्य और कुशल थे और सदैव राजा को बिना डर के सही सलाह दिया करते थे। राजा के गुरू ने उन्हें एक अमूल्य सीख दी थी। By Lotpot 08 Jul 2024 in Stories Moral Stories New Update कुशल शासक Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी नैतिक कहानी: कुशल शासक:- राजा प्रद्युम्न एक अत्यंत कुशल शासक थे, उनके मंत्री बहुत योग्य और कुशल थे और सदैव राजा को बिना डर के सही सलाह दिया करते थे। राजा के गुरू ने उन्हें एक अमूल्य सीख दी थी “यदि राजा के मंत्री और वैद्य राजा को खुश करने वाली सलाह देंगे तो राज्य का पतन निश्चित है” कई दरबारी ऐसे थे जिन्हे राजा मंत्रियो के समान सम्मान नहीं देता था क्योंकि वे सम्मान देने योग्य और अनुभवी नहीं थे। ऐसे दरबारी राजा की चापलूसी में लगे रहते थे वे सोचते थे कि राजा अपनी प्रशंसा सुन कर उन पर मेहरबान हो जाएगा। एक दिन ऐसे ही एक दरबारी ने राजा से कहा, “महाराज आप विश्व के सबसे शक्तिशाली शख्स हैं। अपनी प्रजा के लिए तो आप... एक दिन ऐसे ही एक दरबारी ने राजा से कहा, “महाराज आप विश्व के सबसे शक्तिशाली शख्स हैं। अपनी प्रजा के लिए तो आप इश्वर के समान हैं। यहां तक कि सागर भी आपके आदेशों का उल्लंघन नहीं कर सकता”। राजा को यह सब सुनकर कोई प्रसन्नता नहीं हुई। वह ऐसे चापलूसों को सबक सिखाना चाहता था। राजा ने उस दरबारी से कहा कि वह उनके साथ सागर तट पर चले। सागर तट पर पहुंच कर राजा प्रद्युम्न ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि तुम मुझे ईश्वर के समतुल्य मानते हो। अब इस अधिकार से मैं आदेश देता हूं कि तुम सागर में कूद कर तलहटी तक पहुंच जाओ। उसके बाद मैं सागर को आदेश दूंगा कि वह तुम्हे सुरक्षित किनारे तक पहुंचा दे। तुम तो यह मानते ही हो कि सागर मेरे आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकता”। दरबारी यह सब सुन कर डर से कांपने लगा। तभी राजा प्रद्युम्न ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि तुम अपने जीवन की बाजी लगाओ। मैं तुम्हे केवल यह सिखाने के लिए यहा लाया हूं कि केवल झुठी प्रशंसा के आधार पर तुम मेरे राज्य में सम्मान नहीं पा सकते”। उच्च अधिकारियों को खतरा अपने प्रतिद्वंदियों से कम और चापलूसी करने वालों से ज्यादा होता है। जो आपका हितकारी है, उसकी नसीहत आप को अप्रिय लग सकती है पर उसे उसी भाव से ग्रहण करना चाहिए जैसे रोगी कुशल डॉक्टर की कड़वी दवा स्वीकार कर लेता है। ऐसा करना सदैव आपके हित में होगा। यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: अंधों की सूची हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव Moral Story: एक सवाल तीन जवाब Moral Story: बेईमान डॉक्टर #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #Bal kahani #Hindi Bal Kahani #Hindi Moral Story #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #hindi moral stories for kids #short moral story #छोटी नैतिक कहानी #hindi naitik kahani #choti naitik kahani #छोटी बाल कहानी You May Also like Read the Next Article