बाल कहानी : भला कर भला हो
एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि, अब वह जिस भी द्वार पर जायेगा
एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि, अब वह जिस भी द्वार पर जायेगा
एक समय की बात है, जंगल में एक चालाक सियार रहता था जिसे मछली खाने का बहुत शौक था। एक दिन, उसका मन मछली खाने का हुआ तो वह नदी की ओर चल दिया। नदी के किनारे पहुंचकर उसने देखा कि दो ओटर एक बड़ी मछली को लेकर आपस में उलझ रहे हैं।
एक बार की बात है, भारत के तराई क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ गया। वहां के पक्षियों का राजा, जो हिमालय पर रहता था, ने सभी पक्षियों को खाने की खोज में भेज दिया। उसने कहा, "जाओ और खाने का जुगाड़ करो और वापस आओ
एक समय की बात है, राजा वीरेंद्र नामक एक बहादुर राजा था जो अपनी प्रजा के लिए बहुत कुछ करने के इच्छुक थे। उनका राज्य बहुत समृद्ध और खुशहाल था, लेकिन एक चीज जो राजा वीरेंद्र को हमेशा परेशान करती थी
एक घने जंगल में, जहां पेड़ों की छतरियां आसमान को छूती थीं और नदियां मधुर संगीत बजाती थीं, एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका नाम था मुन्ना। मुन्ना बहुत ही चंचल और मिलनसार था
एक ठाकुर ने एक बनिए से कुछ पैसे उधार लिए थे, लेकिन बार-बार कहने के बाद भी वो उधार चुकाने में असमर्थ था। एक दिन वो बनिया ठाकुर के घर चला गया और उससे पैसे मांगने लगा। ठाकुर के घर पर मेहमान आए हुए थे।
एक बार भगवान बुद्ध ने हिमालय के जंगलों में सफेद हाथी बोधीसत्व के रूप में जन्म लिया, लेकिन हाथियों के जिस झुंड में ये सफेद हाथी रहता था, वे लोग बहुत ही निदर्यी थे, वे मासूम लोगों की बेवजह हत्या कर देते थे।