Moral Story: इर्षा का बदला
राजा देवराज के राज्य में जयपाल नामक एक व्यक्ति रहा करता था। वह एक सफल मूर्तिकार था, उसकी कला से प्रसन्न होकर राजा देवराज ने उसे अपने राज कारीगरों में शामिल कर लिया था।
राजा देवराज के राज्य में जयपाल नामक एक व्यक्ति रहा करता था। वह एक सफल मूर्तिकार था, उसकी कला से प्रसन्न होकर राजा देवराज ने उसे अपने राज कारीगरों में शामिल कर लिया था।
बहुत दिन हुए, एक ठग व्यापारी का वेश बनाकर किसी गाँव में पहुँचा। उसने दिन भर इधर-उधर घूमकर समय बिताया। रात होने पर वह एक किसान के घर पहुँचा। वहाँ उसने अपने को राहगीर बता कर रात गुजारने के लिए जगह माँगी।
एक समय की बात है जब कमल, कैटी और कोमल नाम की तीन सुंदर राजकुमारियाँ रहती थीं। कमल तीन साल की थी, कैटी पांच वर्ष की और कोमल 8 साल की थी। वह राजमहल में बहुत सारे सेवक, नौकर, बावर्ची और अलग अलग लोगों के साथ रहती थीं।
एक दिन एक आदमी एक दुकान पर रुका। वह वहां से अपनी मां के लिए फूल खरीदना चाहता था, जो वह कुरियर के जरिए भेजना चाहता था क्योंकि उसकी मां 250 किलोमीटर दूर रहती थी।
मीना अपनी कक्षा में सबसे मशहूर थी। हर साल उसकी कक्षा के छात्र उसे अपना पसंदीदा छात्र मानने के लिए वोट करते थे। मीना हर किसी के साथ आराम से बात करती थी और हर कोई उसके साथ रहना पसंद करता था।
एक छोटा लड़का था जिसे बहुत गुस्सा आता था और वह गुस्से में दूसरों से बुरा व्यवहार करता था। एक दिन उसके पिता ने उसे एक कीलों का बैग दिया और उससे कहा कि अगली बार जब भी उसे गुस्सा आए तो वह एक कील लेकर दीवार में ठोक दे।
एक समय की बात है एक गांव में एक बैंकर और एक भिखारी रहता था। बैंकर बहुत अमीर था और भिखारी बहुत गरीब था। तो यह निश्चित था कि अमीर आदमी भिखारी से ज़्यादा खुश होगा।