सच्चाई की राह: नवल और समर की कहानी
यह कहानी महर्षि के अद्भुत ज्ञान और उनके शिष्यों नवल और समर के जीवन की है। महर्षि ने अपने शिष्यों को हमेशा सच्चाई की महत्वता बताई। वर्षों बाद, जब महर्षि फूलपुर गाँव से गुज़रे, तो उन्होंने अपने शिष्यों को बुलाया।
यह कहानी महर्षि के अद्भुत ज्ञान और उनके शिष्यों नवल और समर के जीवन की है। महर्षि ने अपने शिष्यों को हमेशा सच्चाई की महत्वता बताई। वर्षों बाद, जब महर्षि फूलपुर गाँव से गुज़रे, तो उन्होंने अपने शिष्यों को बुलाया।
"आँख की बाती" एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें सिखाती है कि हमारी सोच और समझ हमारे व्यवहार को कैसे प्रभावित करती है। यह कहानी एक छोटी सी बाती और एक अंधे व्यक्ति के बीच के संवाद के माध्यम से यह संदेश देती है
एक धूप भरी दोपहर में, जब गौतम बुद्ध ने एक छोटे से गाँव का दौरा किया, तो गाँव के बच्चे खुशी से उनका स्वागत करने आए। हर बच्चे के हाथ में फूलों की माला थी। सभी बच्चे उन्हें माला पहना रहे थे, लेकिन नीरव कुछ अलग ही सोच रहा था।
रोनक, जो नई दिल्ली में रहता है, हमेशा नए-नए प्रयोग करने का शौक रखता था। उसे तकनीक और खासकर ड्रोन उड़ाने का बहुत शौक था। एक दिन, उसने अपने स्कूल में एक विज्ञान मेला होने की सूचना सुनी, जिसमें बच्चों को अपने विज्ञान के प्रोजेक्ट्स दिखाने थे।
नेपोलियन की सेनाएं पूरे उत्साह से जीतती हुईं, आगे बढ़ती जा रही थीं। एक दिन उन सेनाओं ने फ्रांस के दक्षिण बंदरगाह ताउलन की घेरेबंदी कर ली, लड़ाई पूरे जोर पर थी।
राजू और मोहन, दोनों पक्के दोस्त थे। उनकी दोस्ती पूरे मोहल्ले में मशहूर थी। दोनों साथ में स्कूल जाते, खेलते और पढ़ाई भी करते। एक दिन स्कूल में एक बड़ी प्रतियोगिता की घोषणा हुई
छोटे से गाँव में एक नन्हा लड़का, रवि, रहता था। वह बहुत चंचल था और पढ़ाई में मन नहीं लगाता था। स्कूल में वह हमेशा खेल-कूद में मग्न रहता और कभी भी होमवर्क पूरा नहीं करता। उसकी माँ बहुत चिंतित रहती थी कि रवि का भविष्य कैसा होगा।