एक अच्छी कहानी : फ़कीर राजा
किसी राज्य का राजा अचानक गुजर गया। पूरे दरबार में खलबली मच गई कि अब नया राजा कौन होगा? राज्य के मंत्री और दरबारी गहन विचार में पड़ गए। तभी महल के बाहर से एक फ़कीर गुजर रहा था।
किसी राज्य का राजा अचानक गुजर गया। पूरे दरबार में खलबली मच गई कि अब नया राजा कौन होगा? राज्य के मंत्री और दरबारी गहन विचार में पड़ गए। तभी महल के बाहर से एक फ़कीर गुजर रहा था।
क बार हाथ की पाँचों उंगलियों में आपस में झगड़ा हो गया। सभी खुद को सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सिद्ध करने में लगी थीं। अंगूठा बोला, "मैं सबसे बड़ा हूँ क्योंकि लोग हस्ताक्षर करने के लिए मुझे इस्तेमाल करते हैं।"
एक बार कबूतरों का एक झुंड भोजन की तलाश में उड़ान भरता है। कई दिनों की खोज के बाद उन्होंने एक बरगद के पेड़ के नीचे चावल के दाने बिखरे देखे। बिना समय गंवाए, सभी कबूतर खाने में जुट गए।
एक बार की बात है, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एक सभा में भाषण दे रहे थे। यह सभा ज्ञान और प्रेरणा का केंद्र बन चुकी थी। सभा में सैकड़ों लोग उनकी बातों को सुनने के लिए बड़े ध्यान से बैठे हुए थे।
गाँव के एक छोटे से कोने में रहने वाला किशोर अर्जुन, हमेशा से बड़े सपने देखने वाला था। वह एक गरीब किसान का बेटा था, जिसके पास सीमित संसाधन थे। खेतों में काम करना और अपने पिता के साथ दिन-रात मेहनत करना उसकी दिनचर्या थी।
नर्मदा नदी के किनारे एक गांव था - कमलपुर। वहां एक बुढ़िया रहती थी, जिसका एक ही बेटा था - विक्रम। वह बेहद बलशाली था। हर कोई उसकी ताकत से डरता था,
किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे।