बेटी हो तो रोहिणी आचार्य जैसी
अक़्सर देखा गया है कि जब बच्चे छोटे होते है तो उनके माता पिता अपनी हैसियत के अनुसार उनके लालन पालन में कोई कमी नहीं रखते, लेकिन जब बच्चे बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं और उनके माता पिता धीरे धीरे बूढे तथा अशक्त होने लगते है तब वही बच्चे अपने इन वृद्ध पैरेंट्स को छोड़कर चले जाते हैं या साथ रहकर भी उनकी देखभाल नहीं करते तथा बात बात पर अपमानित करते है।