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एक प्यारी सी बाल कविता - चूहे राजा- यह कविता जंगल के जानवरों की एक खूबसूरत कहानी को दर्शाती है, जिसमें चूहे राजा अपनी शादी में पूरे जंगल को आमंत्रित करते हैं। चूहे राजा घोड़ी पर चढ़कर चूहिया दुल्हन को लाने जाते हैं। इस खुशी के मौके पर जंगल के सभी जानवर अपनी-अपनी विशेषताएँ दिखाते हैं। बंदर मामा गीत गाते हैं, हाथी दादा बैण्ड बजाते हैं, और बिल्ली मोसी नाचती हैं।
मजेदार दृश्य तब बनता है जब कुत्ता इस खुशी के माहौल को देखकर डर जाता है, जबकि भालू आकर नाचने लगता है। इसी बीच शेर सभी जानवरों को एक महत्वपूर्ण सीख देता है कि जंगल सभी का घर है, और इसमें आपस में लड़ाई करना गलत है। शेर सभी को मिल-जुलकर रहने की सीख देता है और यह समझाता है कि साथ रहना ही असली खुशी है।
इस कविता के माध्यम से बच्चों को एकता, सहयोग, और भाईचारे की सीख मिलती है। यह दर्शाती है कि चाहे कोई भी जीव हो, अगर वे आपसी प्रेम और समझदारी से रहते हैं, तो जीवन खुशहाल और आनंदमय बन जाता है।
कविता "चूहे राजा"
चूहे राजा - घोड़ी चढ़कर
चूहिया दुल्हन - ले आए
बंदर मामा - गीत सुनाते
हाथी दादा - बैण्ड बजाते
बिल्ली मोसी - डांस दिखाती
कुत्ता देख - डर जाती
भालू आता - नाच दिखाता
शेर सभी को - समझाता
जंगल अपना - घर है भाई
इसमें तुम - मत करो लड़ाई
संग सभी के - जीना सीखें
मिलजुलकर - रहना सीखें