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बेटी: जीवन की अनमोल सौगात- यह कविता बेटी के महत्व और उसकी अनमोल उपस्थिति को दर्शाती है। बेटी को ईश्वर की सौगात और जीवन में खुशियों का प्रतीक बताया गया है। वह सुबह की पहली किरण और तारों की शीतल छाया के समान जीवन में उजाला लाती है। बेटी आंगन की चिड़िया की तरह चहकती है और त्याग व समर्पण का पाठ सिखाती है। वह न केवल नए रिश्ते जोड़ती है बल्कि जिस घर जाती है, वहां अपनी उपस्थिति से रोशनी और खुशहाली लाती है।
कविता के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि बेटी का महत्व उनके लिए सबसे अधिक होता है, जिनके पास बेटी नहीं है। यह कविता हर उस व्यक्ति के दिल को छूती है जो बेटियों को जीवन का अनमोल तोहफा मानता है। बेटी सिर्फ एक परिवार का हिस्सा नहीं, बल्कि समाज की असली शक्ति और आधार है।
जब-जब जन्म लेती है बेटी,
खुशियाँ साथ लाती है बेटी ।
ईश्वर की सौगात ही बेटी,
सुबह की पहली किरण है बेटी ।
तारों की शीतल छाया है बेटी,
आंगन की चिड़िया है बेटी ।
त्याग और समपर्ण सिखाती है बेटी, नये नये रिश्ते बनाती है बेटी ।
जिस घर जाए, उजाला लाती है बेटी,
बार-बार याद आती है बेटी ।
बेटी की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास नहीं है बेटी