Sheikh Chilli E-Comics: शेख चिल्ली और जादूगर गोगा
रोज़ की तरह शेख चिल्ली और उसके दोस्त सुबह सुबह सैर करने निकलते हैं। खटकू बुलबुल की पीठ पर बैठा हुआ था, तभी बुलबुल रास्ते में पड़े नीबू और मिर्च को देखकर अचानक से रुक जाता है।
रोज़ की तरह शेख चिल्ली और उसके दोस्त सुबह सुबह सैर करने निकलते हैं। खटकू बुलबुल की पीठ पर बैठा हुआ था, तभी बुलबुल रास्ते में पड़े नीबू और मिर्च को देखकर अचानक से रुक जाता है।
इतवार का दिन था, शेख चिल्ली सुबह सुबह नाश्ता कर के मल्लिका के घर जाने के लिए निकलता है। जैसे ही वो मल्लिका के घर पहुँचता है और मल्लिका को आवाज़ देता है तो मल्लिका झट से बहार आकर बोलती है की अभी तुम लोग चले जाओ।
संडे का दिन था शेख चिल्ली बड़े मज़े से घर में घूम रहा था, तभी उसने देखा कि उसकी मम्मी अखरोट लेके आयी हैं। उसने फ़ौरन अखरोट अपनी जीती हुई ट्रॉफी में पलट लिया। शेख चिल्ली अभी सोच ही रहा था।
एक दिन की बात है खटकू और शेख चिल्ली आपस में बातें कर रहे थे, तभी खटकू शेख चिल्ली के हाथ में कुर्ता देखकर पूछता है कि ये नया कुरता है क्या शेख चिल्ली? शेख चिल्ली खटकू को बताता है की हाँ ये मम्मी ने बनाया है।
एक दिन की बात है शेख चिल्ली की मम्मी अपनी बहन के घर गयी हुई थीं, तभी उनकी दुकान पर बड़े साहब और हवलदार छोटे पहुँचते हैं, और शेख चिल्ली से पूछते हैं कि आज दुकान बंद क्यों है। इसपर शेख चिल्ली उनको बताता है कि मम्मी अभी हैं नहीं।
शेख चिल्ली का एग्ज़ाम चल रहा होता है, जिसकी वजह से शेख चिल्ली सुबह उठ कर पढ़ाई कर रहा होता है, तभी बुलबुल वहां आता है और शेख चिल्ली से खेलने के लिए बोलता है।
मल्लिका और बुलबुल घूम रहे थे तभी मल्लिका ने बुलबुल से पूछा कि शेख चिल्ली कहाँ है, थोड़ी दूर चलते ही उनको शेख चिल्ली दिखता है। मल्लिका पूछती है कि शेख चिल्ली यहाँ क्या कर रहे हो, तो शेख चिल्ली बोलता है कि मैं बड़ा होकर कार खरीदूंगा।