लोटपोट की कहानी का पिटारा : राजू और सच की जीत :- ग्यारह बजकर दस मिनट हो चुके थे। तेज कदमों से चलते हुए राजू की नजर ज्यों ही घड़ी पर पड़ी, उसने यकायक हड़बड़ाकर भागना शुरू कर दिया। ठीक सवा ग्यारह बजे उसने हाँफते हुए स्कूल में प्रवेश किया। कुछ ही पल बाद वह अपनी कक्षा के दरवाजे पर खड़ा था। कक्षा में गणित के अध्यापक श्री सक्सेना जी छात्रों को पढ़ा रहे थे।
13Jan2021
शिक्षाप्रद बाल कहानी (Moral Stories) : मूर्खता की सजा- एक गांव में भगवान दास नाम का एक आलसी और अंधविश्वासी आदमी रहता था। वह अपने आप को भगवान का सबसे बड़ा भक्त मानता था और यही कहता फिरता कि किसी को कोई काम करने की जरूरत नहीं, सिर्फ भगवान का नाम लेने से सब कुछ मिल जाएगा। गांव वाले उसे कितना समझाते कि इस तरह निठल्ले बैठे रहना बुरी बात है, लेकिन भगवान दास किसी की नहीं सुनता था और दिनरात घर बैठा इंतजार करता कि ईश्वर कब आकर उसका भाग्य बदल देंगे।