बाल कविता : कलैण्डर की तस्वीरें
बाल कविता : कलैण्डर की तस्वीरें- कविता का मुख्य विषय एक वर्ष के बारह महीनों को कलैण्डर की तस्वीरों के माध्यम से चित्रित करना है। प्रत्येक महीने की तस्वीर प्रकृति, मौसम, और दैनिक जीवन की घटनाओं से जुड़ी है,
बाल कविता : कलैण्डर की तस्वीरें- कविता का मुख्य विषय एक वर्ष के बारह महीनों को कलैण्डर की तस्वीरों के माध्यम से चित्रित करना है। प्रत्येक महीने की तस्वीर प्रकृति, मौसम, और दैनिक जीवन की घटनाओं से जुड़ी है,
यह कविता फूलों को प्रतीक बनाकर जीवन के मूल्यों को सिखाती है। फूल सुंदरता, प्रेम, और एकता का प्रतीक हैं। वे हमें हर हाल में मुसकुराना, भेदभाव से दूर रहना, और दूसरों के साथ मिलकर रहना सिखाते हैं। कविता में फूलों का मानवीकरण किया गया है
प्रकृति ही सबसे बड़ी गुरु है :- क्या आपने कभी सोचा है कि सूरज, चाँद, तारे, पेड़, नदियाँ और झरने भी हमें कुछ सिखाते हैं? जी हाँ! प्रकृति की हर चीज़ हमें ज़िंदगी की एक अनमोल सीख देती है — कोई समय की महत्ता सिखाता है,
यह कविता "बच्चा होना, कितना अच्छा" बच्चों की उस मासूम और नटखट दुनिया को दर्शाती है, जहाँ छोटी-छोटी बातों में खुशी होती है। इस कविता में बच्चे की कल्पनाओं, शरारतों, खेलों और मासूमियत को सरल भाषा में बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में पिरोया गया है।
इस कविता "अ से अनार, आ से आम" में हिंदी वर्णमाला के अक्षरों को बच्चों के लिए सरल और मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक पंक्ति में एक अक्षर के साथ उससे जुड़ा एक शब्द है जो बच्चों को उस अक्षर की पहचान करने में मदद करता है।
"कितनी बड़ी दिखती होंगी" एक रोचक और कल्पनात्मक कविता है, जो हमें दुनिया को एक छोटे जीव की नजर से देखने की कोशिश कराती है। इसमें एक मक्खी की दृष्टि से चीजों के आकार का वर्णन किया गया है।
"मेरे साथी" एक मज़ेदार और ज्ञानवर्धक कविता है, जो बच्चों को जानवरों और वस्तुओं के अनोखे स्वभाव के बारे में बताती है। यह कविता मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा भी देती है।